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न्यूज़ क्रेडिट: आज तक
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पटना: बिहार के स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलती एक वीडियो सामने आई है. इलाज के दौरान पिता की मौत होने के बाद शव वाहन नहीं मिलने पर बेटा ठेले पर पिता के शव को रखकर तीन किमी दूर अपने घर ले गया. अब इस मामले पर अस्पताल प्रबंधन बचता नजर आ रहा है. प्रबंधन ने मृतक के बेटे पर ही शव वाहन नहीं लेने का आरोप लगाया है.
बिहार के मुंगेर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के सुंदरपुर के रहने वाले 60 वर्षीय देवी दास को स्वास्थ्य खराब होने के बाद मुंगेर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान देवी दास की मौत हो गई. जिसके बाद पुत्र छोटू ने पिता के शव को ले जाने के लिए शव वाहन की मांग की. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने छोटू को शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया. यहां देखें वीडियो -
छोटू का कहना है कि वो करीब एक घंटे तक अस्पताल में शव वाहन के लिए इधर से उधर फिरता रहा. इमरजेंसी वार्ड में इलाज कर रहे चिकित्सक, नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों से भी शव वाहन दिलवाने की गुहार लगाता रहा. लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. अस्पताल में मौजूद एंबुलेंस वालों ने छोटू से कहा कि जहां वो रहता था वो लोग वहां नहीं जाते हैं.
जिसके बाद छोटू ने एक ठेले पर पिता के शव को रखा और घर की ओर चल दिया. इस दौरान छोटू की मां भी उसके साथ थी. अस्पताल से तीन किमी दूर मां-बेटे डेड बॉडी लेकर अपने घर पहुंचे.
स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही सामने के बाद अधिकारी पल्ला झाड़ते नजर आए. मृतक के बेटे के आरोपों को गलत बताते हुए सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. राम प्रवेश ने कहा कि, इमरजेंसी में मरीज देवी दास को अस्पताल में भर्ती करा गया था. जब उसे थोड़ा आराम मिला तो वार्ड में शिफ्ट किया था. जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हुई.
ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर फैज ने मृतक के बेटे छोटू से शव वाहन लाने को कहा था. लेकिन छोटू ने मना किया और पिता के शव को ठेले पर लेकर चला गया. वो अपनी मर्जी से शव को ठेले पर लेकर गया जबकि उसे अस्पताल से शव वाहन दिया जा रहा था.
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