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पिता ने मोबाइल का Network बढ़ाने के लिए किया देसी जुगाड़, बच्चे की ऑनलाइन पढ़ाई में हो रही थी दिक्कत
jantaserishta.com
1 Feb 2022 3:20 AM GMT
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वाशिम: भारत में देसी जुगाड़ (Desi jugaad in india) के बहुत चर्चे रहे हैं. हम भी आपको ऐसे ही एक जुगाड़ू पिता के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने अपने बेटे के लिए मोबाइल के कमजोर नेटवर्क को मजबूत करने के लिए एक ऐसा जुगाड़ किया, जो अब पूरे गांव में काम कर रहा है. यह मामला वाशिम जिले (Washim district of Maharashtra) के पिंपरी अवघन गांव का है.
Mobile Network की वजह से नहीं हो पाती थी पढ़ाई
महाराष्ट्र के वाशिम ज़िले के पिंपरी अवघन गांव में मोबाइल नेटवर्क (Mobile Network) बेहद कमजोर हैं. 900 से ज़्यादा आबादी वाले इस गांव में मोबाइल तो तकरीबन सभी घरों में हैं, लेकिन नेटवर्क की बड़ी समस्या झेल रहे हैं. यहां के संदीप अवगण भी इसी परेशानी से गुजर रहे थे. लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद थे. सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करवा दी. संदीप का 6 वर्षीय बेटा एक कान्वेंट स्कूल में कक्षा एक कक्षा में पढ़ता था. ऑनलाइन पढ़ाई मोबाइल नेटवर्क की वजह से नहीं हो पा रही थी.
कपड़े की दुकान में काम करते हैं संदीप
संदीप को बेटे के पढ़ाई की चिंता सता रही थी. वह कभी घर की छत पर तो कभी घर के बाहर मोबाइल लेकर बेटे को लेकर घूमते रहते थे, ताकि Network मिल सके. संदीप अपने गांव से थोड़ी दूर दूसरे गांव में एक कपड़े की दुकान में काम करते हैं. संदीप ने मोबाइल नेटवर्क घर के अंदर लाने के लिए एक जुगाड़ आजमाने की सोची.
नेटवर्क के लिए भोजन की थाली से बनाया जुगाड़
संदीप ने अपने घर में स्थित 2 स्टील की प्लेट (भोजन करने के लिए इस्तेमाल होने वाली) लीं. दोनो प्लेटों में 1-1 छिद्र किया और एक 25 से 30 फीट लंबा डिश केबल लिया. दोनों प्लेटों को घर की छत पर बांस के सहारे बांध दिया. केबल का एक सिरा दोनों प्लेट में लगाया और दूसरा सिरा घर के अंदर ले आया. घर के अंदर आए केबल के सिरे को छीलकर कर उसके अंदर से निकला वायर मोबाइल के चार्जिंग वाले स्थान पर लगाया. आश्चर्य की बात है कि जिस मोबाइल में नेटवर्क की स्थिति नहीं थी, उसमें नेटवर्क आ गया.
गांव के 70 से 80 घरों में लोगों ने किया प्रयोग
Mobile Network के लिए संदीप अवगण का जुगाड़ काम कर गया. गांव के 70 से 80 घरों के ऊपर इस तरह का जुगाड़ यहां आज की स्थिति में लगाया गया है. गांव वालों ने भी संदीप के इस जुगाड़ की तारीफ की है. इलेक्ट्रॉनिक्स प्राचार्य उदय नांदगांवकर ने बताया कि ऐसा संभव है, क्योंकि जो प्रयोग संदीप ने किया है, वह बतौर एंटीना के रूप में काम कर रहा है.
अब गांव में नहीं होती नेटवर्क की समस्या
आज गांव में सभी लोग नेटवर्क के कारण अपने काम कर पा रहे हैं. इस जुगाड़ में समस्या यह है कि केबल मोबाइल से जुड़ा रखना पड़ता है. जुगाड़ में तकलीफ तो है, पर नेटवर्क मिलने से इंटरनेट से चलने वाले काम होने की राहत भी है.
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