मृदा की गुणवत्ता से बढ़ेगी कृषकों की पैदावार, सीमित मात्रा में करें कीटनाशकों का उपयोग
डूंगरपुर। जलग्रहण विकास विभाग ने विश्व मृदा दिवस का आयोजन मंगलवार को किया गया। जलग्रहण विकास विभाग के अधीक्षण अभियंता आर.के अग्रवाल ने बताया कि उपजाउ मिट्टी के कटाव को कम करने की दिशा में काम करने, खेतो की उपजाउ मिट्टी के बारे में जागरूक करने तथा संसाधन के रूप मे मे मिट्टी के स्थायी प्रबंधन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने की आवश्यकता हैैं। उक्त विचार कृषि विज्ञान केन्द्र, फलोज मे एक दिवसीय “विश्व मृदा दिवस” के प्रारम्भिक सत्र में जलग्रहण विकास विभाग के अधीक्षण अभियन्ता आर.के. अग्रवाल, कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।
उन्होने कहा की भारत की आधी आबादी कृषि पर निर्भर हैं। खेतों में केमिकल खाद तथा किटनाशक दवाईयों के सेवन से मिट्टी की उपजाऊ कम हुई हैं। भूमि की गुणवत्ता बिगड़ने से मानव, जानवर, पेड़ पौधो के लिए खतरा उत्पन्न हो गया हैं। ऐसे में मिट्टी का संरक्षण बहुत जरूरी है। मुख्य अतिथि जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गितेश श्री मालवीय ने कहा कि जमीन में पोषक तत्व नहीं है तो कृषक सफल नहीं होगा। अत्यधिक यूरिया, डीएपी, इन्सेक्टीसाईड आदि का उपयोग करने से मिट्टी की स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ता है। किसानो को प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील की। मुुख्य अतिथि ने कृषको को विश्व मृदा दिवस प्रतिज्ञा दिलाई तथा आम का एक-एक पौधांे का वितरण किया तथा आह्वान किया।
कार्यशाला मे जिला अधिकारियों एवं 100 से ज्यादा कृषकों को संबोधित करते हुए कार्यशाला के विशिष्ट अतिथि जी.एस. कटारा संयुक्त निदेशक (कृषि) ने मृदा दिवस के उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए मिट्टी के एक-एक कण बचाने तथा कुदरत के असीम उपहार को दूषित नही करनंे का आह्वान किया। कार्यशाला का आयोजन प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 (जलग्रहण घटक) अन्तर्गत किया गया, जिसमे विशिष्ट अतिथि एवं प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सी.एम. बलाई ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मिट्टी को बचाने के तरीको की विस्तृत चर्चा की। इसी प्रकार पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. सतपाल सिंह चौहान ने पशुपालको को ध्यान रखने तथा पशुपालन से आजीविका संवर्धन के उपाय बताएं। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. बी.एल. रोत ने मृदा स्वास्थ कार्ड के उपयोग एवं विशेषता की चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन जलग्रहण अधिशाषी अभियन्ता वीरेन्द्र कुमार जैन तथा धन्यवाद कनिष्ठ अभियन्ता योगेश जोशी ने व्यक्त किया।