भारत

बिजली महंगी होने से किसान परेशान

Nilmani Pal
5 July 2022 8:39 AM GMT
बिजली महंगी होने से किसान परेशान
x

अखिलेश यादव से मिड-डे अखबार जनता से रिश्ता दिल्ली संस्करण के प्रमुख संपादक प्रदीप पंडित की बातचीत

दिल्ली/यूपी। समाजवादी पार्टी और समाजवादी विचारधारा के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा की बिजली महंगी होने से किसान परेशान हो रहा है। योगी सरकार ताकत से काम कर रही है लेकिन वह सोच विचार कर कुछ नहीं करती। वे डर फैलाकर यश कमाना चाहते हैं। इनके बिजली मंत्री ने 100 दिनों में किसानों से कहीं कोई संवाद नहीं किया। यह सब क्या है। वह एक निजी बातचीत में अपनी बात रख रहे थे आधे घंटे की बातचीत मैं अखिलेश ने खिन्न मन से कहा कि राजनीति अपनी जगह है। यूपी का सौहार्द और प्रगति अपनी जगह। हर बात का से लेने की होड़ मची हुई है। समाजवादी सरकार ने सबसे पहले बिना ढिंढोरा पीटे लोहिया आवास बनाए। यह किन लोगों के लिए थे।

वंचित, पीड़ित और अपने लिए एक छत का सपना लिए बुढ़ापे को छूते लोग थे वे। मगर आवास की योजना का श्रेय भी योगी जी अपने नाम करने के चक्कर में लगे रहते हैं। लोहिया आवास आम नागरिकों के लिए बनाई नीति थी। इसमें सभी जातियों के लोग थे मगर अब नाम बदलकर नई योजना को रंगीन कपड़ों में पेश किया जा रहा है। इसी तरह गांव में किसानों और आम लोगों को बिजली का बिल ना देना पड़े इसके लिए हमने प्रयास किए। इसकी प्रेरणा, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने दी थी। वे आए थे । मिड-डे अखबार जनता से रिश्ता दिल्ली संस्करण के प्रमुख संपादक प्रदीप पंडित से उनकी चर्चा हुई। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश में गांव में बिजली का बिल ना आए ऐसी कोई योजना हो सकती है प्रदीप जी। मैंने उन्हें विश्वास दिलाया कि मैं ऐसा कर दिखाऊंगा, लेकिन उद्घाटन करने आपको आना पड़ेगा। हमने एक गांव में सौर ऊर्जा से बिजली देने की कोशिश की। प्रयोग में सफल और पूरा होने पर आदरणीय एपीजे अब्दुल कलाम जी ने अपने वादे को याद रखा। वे उसका उद्घाटन करने आए, उन्हें बहुत अच्छा लगा कि लोग के सरोकारों पर समाजवादी पार्टी का ध्यान है लेकिन दुख होता है कि योगी सरकार को सिर्फ अपनी पीठ थपथपाना आता है। वे किसी भी अच्छी योजना पर किसी और सरकार का उल्लेख तक नहीं करते। किन उपलब्धियों का ढोल पीट रहे हैं ये। उपलब्धि का अर्थ है गरीबों के आंसू पोंछना, हर हाथ को काम देना और किसानों को उचित मूल्य दिलाना। इसमें से क्या किया है ? मगर इनका ध्यान ध्यान कहीं और है इसलिए लगता है कि सर्कस का समय लंबा है मगर हम सरकार को बात कर देंगे कि वह मनमर्जी से नहीं, सब की अर्जी पर सुनवाई कर फैसले करें।

अखिलेश यादव से मिड-डे अखबार जनता से रिश्ता दिल्ली संस्करण के प्रमुख संपादक प्रदीप पंडित की बातचीत

Next Story