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करनाल में जिला मुख्यालय के बाहर अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठे किसान, अभी भी इंटरनेट बंद
Deepa Sahu
7 Sep 2021 6:50 PM GMT
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नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लंबे समय से जारी है.
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लंबे समय से जारी है. ऐसे में अब किसानों ने अपने आंदोलन को धार देने के लिए मुजफ्फरनगर के बाद मंगलवार को हरियाणा के करनाल में महापंचायत की. प्रदर्शनकारी किसान 28 अगस्त को लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों के मुआवजे की मांग को लेकर आवाज बलुंद करने करनाल पहुंचे. वहीं, किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम के निलंबन का मुद्दा भी उठाया. इसे लेकर प्रशासन और उनके बीच कई राउंड बातचीत चली, लेकिन कोई नतीज नहीं निकला.
बातचीत विफल होने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने मिनी सचिवालय की ओर कूच कर दिया. इस बीच प्रशासन भी सख्त नजर आया और किसानों को रोकने के लिए पानी की बौछारें शुरू कर दीं. हालांकि किसान डटे रहे और अब डीसी दफ्तर के बाहर डेरा डाल दिया है.
'Langar' organised for farmers protesting outside Mini Secretariat in Karnal, Haryana. They had gheraoed the secretariat's gate this evening. pic.twitter.com/uYy6Qq59Ps
— ANI (@ANI) September 7, 2021
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अब मिनी सचिवालय के गेट पर पहुंच गए हैं. अब यहीं धरना शुरू होगा. हम अंदर नही जाएंगे, लेकिन जब तक सरकार नहीं मानती है तब तक बैठे रहेंगे. वहीं, गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा जो कहा था वो कर दिया. कृषि कानून वापस नहीं हुए तो सरकार भी जाएगी और इनके परिवार भी.
बता दें कि 28 अगस्त को एसडीएम आयुष सिन्हा ने करनाल में किसानों के प्रदर्शन पर लाठीचार्ज के आदेश दिए थे. आयुष सिन्हा का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें किसानों का सिर फोड़ने की वो बात कर रहे थे. किसान लगातार इस लाठीचार्ज का विरोध कर रहे है. इसको लेकर किसानों ने करनाल में महापंचायत बुलाई थी.
फुल एक्शन में आई हरियाणा सरकार
वहीं, किसानों की करनाल में महापंचायत से पहले हरियाणा सरकार फुल एक्शन में आ गई. पूरे करनाल में धारा 144 लगा दी गई. वहीं, करनाल के अलावा जींद, कुरुक्षेत्र, कटिहाल, पानीपत में इंटरनेट और एसएमएस सेवा 8 सितंबर तक बंद कर दी गई है. करनाल में सुरक्षाबलों की 40 कंपनियां तैनात की गई, जबकि मिनी सचिवालय को छावनी में तब्दील कर दिया गया. इसके बावजूद आज भारी संख्या में किसान करनाल पहुंचे और सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन किया.
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