कृषक सेवा सहकारी समितियों ने 20 लाख से ज्यादा किसानों के 50 हजार तक के कर्ज भी खसरे में चढ़ाए, अब बढ़ी अन्नदाताओं की परेशानी
रायसेन। जिले की 113 कृषक सेवा, प्राथमिक साख समितियों (पैक्स) सहित प्रदेश की सभी समितियों ने 20 लाख रुपये से ज्यादा अन्नदाताओं के 50 हजार रुपये तक के कर्ज खसरे में चढ़ा दिए गए हैं।ऐसी स्थिति में रायसेन जिले ही नहीं वरन प्रदेश के सभी जिलों के किसानों की समस्या बढ़ गई है। ऐसे में …
रायसेन। जिले की 113 कृषक सेवा, प्राथमिक साख समितियों (पैक्स) सहित प्रदेश की सभी समितियों ने 20 लाख रुपये से ज्यादा अन्नदाताओं के 50 हजार रुपये तक के कर्ज खसरे में चढ़ा दिए गए हैं।ऐसी स्थिति में रायसेन जिले ही नहीं वरन प्रदेश के सभी जिलों के किसानों की समस्या बढ़ गई है। ऐसे में वह बेहद उलझन में है।सरकारी गाइडलाइन भी ताक पर रख दी गई है।किसानों का दर्द यह है कि उनकी 30 से 50 हजार रुपये तक के कर्ज ऑनलाइन तरीके से उनकी जमीनों के खसरे उनसे बगैर सलाह मशवरा के मनमानी पूर्ण तरीक़े से चढ़ा दिए गए हैं।
किसान भोग रहे दुष्परिणाम….
नतीजतन रायसेन जिले के हजारों लाखों किसान अगली फसल के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए न तो कोई ऋण ले पा रहे हैं और न केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) की वह लिमिट भी नहीं बढ़वा पा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई और केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत 1.60 लाख रुपये तक का कर्ज लेने के लिए किसानों को किसी की गारंटी देना जरूरी नहीं होता। साथ ही समितियां खुद ही 3 लाख रुपये तक का कर्ज दे सकती हैं।ऐसे में किसानों की जमीनों के छोटे छोटे खसरे ऑनलाइन बंधक बनाए जाने के बाद जब किसान वाणिज्यिक बैंकों से कर्ज लेने जा रहे हैं तो बैंक समितियों से नोड्यूज़ मांग रहे हैं।रबी सीजन की फसलों की बुआई के वक्त कई अन्नदाताओं को सेठ साहूकारों से कर्ज लेना पड़ा था।
अब तक डिजिटल जार्ज(ऑनलाइन) बनाने का कार्य केवल सरकारी और वाणिज्यिक निजी क्षेत्र के बैंक ही कर रहे थे।सहकारी बैंक पैक्स कोर बैंकिंग सॉल्यूशन (सीबीएस)से जुड़े नहीं थे। इसलिए उनके पास चार्ज करने की कोई सुविधा नहीं थी।लेकिन पिछले साल कोर बैंकिंग से जुड़नेके बाद सहकारी बैंक और सहकारी कृषक साख समितियों ने भी खसरों पर अपना कर्ज बकाया ऑनलाइन तरीक़े से चढ़ाना शुरू कर दिया है।तहसीलदार और पटवारी इनके लिए ततपरता से काम कर रहे हैं। क्योंकि पैक्स भी जिला प्रशासन के अंतर्गत आते हैं।पैक्स किसानों को 3 लाख रुपये तक कर्ज शून्य फीसदी ब्याज पर देते हैं।वास्तव में यह कर्ज 11 प्रतिशत बैस रेट पर होते हैं।लेकिन इसमें मप्र की प्रदेश सरकार 6% और 5% का ब्याज अनुदान केंद्र सरकार देती है।इसीलिए किसानों को यह पूरा कर्ज शून्य प्रतिशत ब्याज पर मिल जाता है।
किसानों को 94 हजार करोड़ रुपये का दिया कर्ज….
# मप्र सहित रायसेन जिले के किसानों को बैंकों द्वारा बांटे गए कुल कर्ज 1.26 लाख करोड़।
# मप्र के बैंकों ने किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 65.5 करोड़ किसानों को 94 हजार करोड़ रुपये कर्ज में दिए।
# 39लाख किसानों को कृषक सेवा सहकारी समितियों के जरिए 35हजार करोड़ रुपये के कर्ज दिए गए हैं।
# 20 लाख किसानों का औसतन कर्ज 20 से 50 हजार रुपये के बीच है।
इनका कहना है…..
जिले भर की 113 सोसाइटियों में जरूरतमंद किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर साल में दो बार खरीफ रबी सीजन में फसलों की बुवाई के लिए कर्ज देने की प्रक्रिया बैंकों से लगातार जारी रहती है।किसानों के कर्ज आनलाइन तरीके से कर्ज चढ़ाए जा रहे हैं।आकाश डीप चौहान प्रभारी कोआपरेटिव बैंक सीईओ रायसेन