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किसान आंदोलन: राकेश टिकैत के तेवर बरकरार, अब बोले- जो लौटेगा वो जेल भी जाएगा

jantaserishta.com
30 Nov 2021 8:01 AM GMT
किसान आंदोलन: राकेश टिकैत के तेवर बरकरार, अब बोले- जो लौटेगा वो जेल भी जाएगा
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही कृषि कानूनों को वापस ले लिया. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या अब किसान अंदोलन खत्म हो जाएगा. सोमवार को कुछ किसान संगठनों ने इसके संकेत भी दिए थे. लेकिन अब किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर साफ कर दिया है, आंदोलन इतनी जल्दी खत्म नहीं होने वाला है. वहीं, घर वापसी वाले सवाल पर राकेश टिकैत ने किसान नेताओं से साफ कर दिया है कि जो पहले घर जाएगा, वह पहले जेल भी जाएगा.

राकेश टिकैत ने कहा, जो चुनाव लड़ने के लिए ज्यादा उत्सुक हैं, वह जल्दी जाएगा. वही, जेल भी जाएगा. जब घर में भाई भाई का विचार नहीं मिलता तो यहां पर भी अगर विचार नहीं मिल रहे हैं तो उसमें क्या गड़बड़ है? कुछ लोगों को चुनावी रोग लग जाता है और मैं कहां एफिडेविट दूं कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा. मेरी जुबान ही मेरा एफिडेविट है. मैं चुनाव नहीं लडूंगा. मैं किसानों को लड़वा रहा हूं लेकिन सड़क पर. सरकार में पेच है और अगर मैं फूफा बन गया हूं तो मिलाई तो करवा ही दो.
कानूनों की वापसी के बाद पंजाब के किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म करने के संकेत दिए थे. लेकिन राकेश टिकैत ने इससे इनकार कर दिया. टिकैत ने कहा, सब लोग अपनी अपनी बात करते हैं और सबका अपना विचार भी होता है. यही लोकतंत्र है. यह कोई सरकार की तरह तो है नहीं, कि एक तरफा फैसला हो गया. यहां जो भी चीज होती है वह विचार से ही होता है. इसलिए संयुक्त मोर्चा है.
टिकैत ने कहा, सरकार 4-5 तारीख तक आंदोलन खत्म कराने की कोशिश करेगी. लेकिन किसान संगठनों में कोई फूट नहीं है. न कोई यहां से जाने को तैयार है. जब तक एमएसपी पर गारंटी नहीं मिलती, कोई यहां से जाने को तैयार नहीं है.
राकेश टिकैत मे कहा, जो नेता सरकार से बात कर रहे हैं, वे स्पष्ट करें कि सरकार से क्या बात हुई, कहां तक बात हुई. ये जो नेता सरकार से अनाधिकारिक तौर पर बात कर रहे हैं, अगर उन्होंने काले कानून वापस करवाए हैं, तो वे एक काम और करवा दें कि हमारे ऊपर लगे मुकदमे वापस ले लें.
राकेश टिकैत ने कहा, मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा. संयुक्त मोर्चा के नेताओं के चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा, क्या चुनाव के पर्जे भर दिए गए हैं? जब चुनाव होगा तो कौन रोक सकता है, जिसे चुनाव लड़ना है उसे, जैसे वोट देने का अधिकार है, चुनाव भी लड़ने का अधिकार है. जिसे चुनाव लड़ना है उसे कोई रोक लेगा क्या? और जब कोई संयुक्त मोर्चा का नेता चुनाव लड़ेगा, तो उसे जवाब देना होगा. अभी चुनाव का कोई मुद्दा नहीं है.
टिकैत ने कहा, आने वाली समय में सरकार से बातचीत होने की उम्मीद है. अभी कानून वापसी का जश्न मनाने की कोई जरूरत नहीं है. सब कोई टारगेट पर है जो यहां से जल्दी जाएगा. वह उतना ही जल्दी जेल जाएगा तो ज्यादा खुशी मनानी की जरूरत नहीं है. सयुक्त मोर्चा को इकट्ठा रहने की जरुरत है.
टिकैत ने कहा, सबसे ज्यादा मुकदमे हरियाणा में हैं. पंजाब और दिल्ली में सबसे ज्यादा ट्रैक्टर बंद किए गए हैं. हरियाणा में 55 हजार मुकदमे हैं और हम उन्हें ऐसे छोड़ कर के नहीं जाएंगे. जब तक वह वापस नहीं होंगे तब तक हम यहां से नहीं जाने वाले. पंजाब की सरकार मुकदमे वापस ले रही है यह उनसे बात हो गई है और हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मुकदमे तभी वापस लिए जाएंगे. जब दिल्ली उन्हें कहेगी. जब बातचीत होगी, तो ये मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए.


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