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किसान आंदोलन: पंजाब के 32 किसान संगठनों का घर वापसी का ऐलान, दूर हुआ पेच
jantaserishta.com
9 Dec 2021 8:12 AM GMT
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फाइल फोटो
Farmers Protest: तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद दिल्ली की सीमाओं पर साल भर से डटे किसानों की भी 'घर वापसी' शुरू हो गई है. पंजाब के 32 किसान संगठनों ने घर जाने का ऐलान किया है. पंजाब के किसान 11 दिसंबर से घर वापसी शुरू करेंगे. हालांकि, सरकार के प्रस्ताव पर सहमति के बाद आंदोलन पर आखिरी फैसला लेने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक अभी जारी है. माना जा रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में किसान आंदोलन की वापसी पर फैसला हो सकता है.
हालांकि, न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि किसान नेता किसान आंदोलन को खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं. आज किसान आंदोलन खत्म होने की उम्मीद इसलिए भी क्योंकि एक दिन पहले ही किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ सालभर से चल रहे आंदोलन में एक 'निर्णायक क्षण' में पहुंच गए हैं.
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी बताया था कि मांगों पर सरकार की ओर से जो पहले प्रस्ताव भेजा गया था, वो मंजूर नहीं था, इसलिए बुधवार को सरकार की ओर से नया प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर बैठक में सहमति बन गई है.
Farmers packing up trolleys ahead of SKM's meeting at #Singhuborder #FarmLawsRepealed #FarmersProtest pic.twitter.com/YWnlDNdoiz
— Chaudhary Parvez (@ChaudharyParvez) December 9, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सरकार की ओर से जो नया प्रस्ताव भेजा गया है उसमें सरकार ने MSP पर जो समिति बनाई जाएगी, उसमें संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों को शामिल करने की बात मान ली है. इसके साथ ही सरकार ने ये भी प्रस्ताव में लिखा है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की सरकारें किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को तुरंत वापस लेने पर सहमत हो गई हैं. दिल्ली में भी किसानों के ऊपर जो मामले दर्ज हैं, उन्हें वापस ले लिया जाएगा.
सूत्रों ने ये भी बताया कि सरकार के भेजे प्रस्ताव में ये भी साफ किया गया है कि राज्यों से एमएसपी पर फसलों की खरीद में कोई कमी नहीं की जाएगी. सरकार ने ये भी बता दिया है कि जब तक संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ बात नहीं होती तब तक बिजली संशोधन बिल को संसद में पेश नहीं किया जाएगा. सरकार ने ये भी बताया कि पराली जलाने को पहले ही अपराध मुक्त कर दिया गया है.
सरकार ने पिछले साल सितंबर में तीन कृषि कानूनों को पास किया था. इसके खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े हुए थे. जिसके बाद इसी साल 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया था. तीनों कृषि कानूनों की वापसी हो चुकी है. हालांकि, किसान एमएसपी पर कानून समेत कई और मांगों पर अड़े थे, जिसे लेकर भी सरकार ने नरम रुख दिखाया है.
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