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बर्बाद फसल के मुआवजा को लेकर किसानों का धरना- प्रदर्शन, पूर्व मंत्री को गांव में घुसने नहीं दिया
jantaserishta.com
6 Nov 2021 1:54 AM GMT
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पंजाब: गुलाबी सुंडी से बर्बाद फसल के मुआवजा को लेकर पंजाब में चल रहे किसानों के धरने-प्रदर्शनों ने कांग्रेस नेताओं व मंत्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। शुक्रवार को पंजाब के पूर्व बिजली मंत्री गुरप्रीत कांगड़ समागम में शिरकत करने गांव गुरूसर पहुंचे तो किसानों ने उनका जमकर विरोध किया और गांव में घुसने नहीं दिया। नाराज पूर्व मंत्री कांगड पहले किसानों से बहस करने लगे और उसके बाद किसान नेता जसपाल सिंह को देख लेने की धमकी दे डाली। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री कांगड ने किसानों के सवालों के जवाब देने के बजाय उन्हें देख लेने की धमकी दी और महिलाओं के प्रति अपशब्द कहे। इस बारे में पूर्व मंत्री कांगड़ का पक्ष जानने के लिए चार बार फोन किया गया। हालांकि उन्होंने फोन नहीं उठाया।
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के नेता व ब्लाक अध्यक्ष जसपाल सिंह कोठा गुरू ने बताया कि किसान करीब डेढ़ माह पहले गुलाबी सुंडी से बर्बाद फसल के मुआवजे को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने उनकी कोई बात नहीं सुनी। किसानों ने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल के यहां और मिनी सचिवालय के आगे लगातार काफी दिनों तक धरना दिया था। लेकिन सरकार ने किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो किसानों ने कांग्रेस नेताओं और विधायक व मंत्रियों का विरोध करना शुरू कर दिया। शुक्रवार को जब पूर्व बिजली मंत्री गुरप्रीत कांगड़ गांव गुरूसर के किसी समागम में शिरकत करने गांव अंदर दाखिल होने जा रहे थे तो किसानों ने उनका घेराव कर सवाल पूछना शुरू कर दिया।
किसान नेता ने बताया कि पूर्व मंत्री ने किसानों के सवालों का जवाब देने के बजाय उनको देख लेने की धमकी देनी शुरू कर दी और महिलाओं के प्रति अपशब्द बोला। जिसका किसानों ने विरोध किया। किसान नेता ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री के साथ मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने किसानों के साथ धक्का-मुक्की की।
किसान नेता ने बताया कि जब किसानों ने पूर्व मंत्री के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए तो वह अपनी गाड़ी में सवार होकर काफिले समेत चले गए। किसानों के आरोप पर जब पूर्व मंत्री गुरप्रीत कांगड का पक्ष जानना चाहा तो उन्हें चार बार उनके मोबाइल पर कॉल की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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