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सेना में लेफ्टिनेंट बनकर गांव लौटी किसान की बेटी, बधाई देने वालों का लगा तांता

jantaserishta.com
10 Sep 2024 11:52 AM GMT
सेना में लेफ्टिनेंट बनकर गांव लौटी किसान की बेटी, बधाई देने वालों का लगा तांता
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इस मुकाम तक पहुंचने में उसके परिवार ने अहम भूमिका निभाई.
पठानकोट: पंजाब के पठानकोट में एक किसान की बेटी ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर पूरे जिले का नाम रोशन किया है। बुधवार को उसके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। पठानकोट जिले के सीमावर्ती इलाके गुलपुर सिंबली गांव की रहने वाली पल्लवी ने बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने में उसके परिवार ने अहम भूमिका निभाई।
लेफ्टिनेंट पल्लवी ने पठानकोट से 12वीं की पढ़ाई की है। उन्होंने चंडीगढ़ से ग्रेजुएशन किया है और कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) परीक्षा में पूरे देश में छठा स्‍थान (एआईआर-6) हासिल क‍िया है। 11 महीने की ट्रेनिंग के बाद सात सितंबर को वह पास आउट हुईं।
उन्होंने कहा कि संघर्ष का सफर बहुत अच्छा रहा है। अगर आप किसी चीज को पाने के लिए मेहनत करते हैं, तो वह जरूर मिलती है। इस मुकाम तक पहुंचने में परिवार के लोगों ने उनका भरपूर साथ दिया। पिछड़े गांव से आने के कारण यहां तक ​​पहुंचना संघर्षपूर्ण रहा। यह उपलब्धि पूरे समाज की है।
पल्लवी के भाई साहिल सिंह भारतीय नौसेना में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा, "मेरी बहन बचपन से ही मेहनती थी। खेल से लेकर पढ़ाई तक, सभी क्षेत्रों में वह हमेशा आगे रही है। स्कूल में, चाहे वाद-विवाद प्रतियोगिता हो या खेलकूद प्रतियोगिता, उसने हमेशा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और जीत हासिल की। यही कारण है कि वह आज लेफ्टिनेंट बनकर सबके सामने खड़ी है।"
पल्लवी के पिता रव‍िंद्र सिंह ने बताया, "मैंने पंजाबी स्कूल से पढ़ाई की है। मैं हमेशा से ही अपने बच्चे को अच्छे स्कूल में पढ़ाना चाहता था। मैंने पल्‍लवी को अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ाया। 12वीं पास करने के बाद वह ग्रेजुएशन के लिए आर्मी एकेडमी चली गई। आज मेरी बेटी लेफ्टिनेंट बनकर मेरे सामने खड़ी है।"
उन्होंने अपने बारे में बताया, "मैं एक छोटा किसान हूं। आमदनी बहुत ज्यादा नहीं थी। मुझे अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। मेरा एकमात्र लक्ष्य अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाना और बड़ा आदमी बनाना था। मेरे दो बच्चे हैं। मेरा बेटा पांच साल से भारतीय नौसेना में काम कर रहा है और अब बेटी पल्लवी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है।"
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