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ओलावृष्टि से तबाह हुई किसानों की फसल, मौसम की मार से किसान उबर नहीं पा रहे

jantaserishta.com
31 Dec 2021 4:40 AM GMT
ओलावृष्टि से तबाह हुई किसानों की फसल, मौसम की मार से किसान उबर नहीं पा रहे
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किसानों की रबी की खड़ी फसल तबाह हो गई.

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद (Aurangabad) जिले के कई तहसीलों में जोरदार हुई बारिश के साथ ओले गिरे जिसकी वजह से किसानों की रबी की खड़ी फसल तबाह हो गई. औरंगाबाद जिले के वैजापुर तहसील में जोरदार बारिश हुई. इस दौरान ओले भी गिरे जिसकी वजह से किसानों का बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. किसानों का कहना था कि रबी की फसल तकरीबन तैयार होने को थी लेकिन बेमौसम बारिश और ओले की वजह से इनकी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. इसी तरह का हाल औरंगाबाद के पैठण तहसील का भी रहा. यहां के कई सारे गांव में मूसलाधार बारिश हुई जिसकी वजह से गन्ना, कपास, बाजरा वह अन्य रबी की तैयार फसलें बर्बाद हो गई.

पैठण तहसील के किसानों का कहना है कि उन्होंने अपने हाथों से फसल तैयार की और बड़ी मेहनत से फसल की देखभाल की थी, लेकिन बेमौसम 10 मिनट बारिश की वजह से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. किसानों का कहना है कि सरकार किसानों की तरफ नहीं देख रही है. यही हाल रहा तो किसान आने वाले समय में आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे.
एक किसान ने बताया कि उसने पिछले साल कपास लगाई थी लेकिन ज्यादा बारिश की वजह से उसकी कपास का नुकसान हो गया. इस बार भी उसने अपने खेत में जवारी की फसल लगाई लेकिन बेमौसम मूसलाधार 10 मिनट की बरसात ने पूरे खेत में फसल को तबाह कर दिया. किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने किसानों की तरफ ध्यान देना चाहिए वरना किसानों पर संकट आ सकता है.
वहीं, इस बार धान की फसल अच्छी हुई है. मगर, मौसम की बेरुखी ने किसानों की मेहनत व लागत के साथ उनकी उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है. धान की फसल इस बार काफी अच्छी थी. ऐसे में किसानों को बीते वर्ष हुए नुकसान की भरपाई की इस बार उम्मीद थी. गौरतलब है कि दिसम्बर में लगातार दो दिन की बारिश से धान की फसल को नुकसान हुआ. ऐसे में बची हुई फसल से लागत व मेहनत निकलने की संभावना कम है. इस समय धान की फसल की कटाई का काम लगभग खत्म हो चुका है और फसल किसानों के खलिहानों में है. ऐसे में शुरू हुई बारिश से खेतों से लेकर खलिहान तक फसल बर्बाद होने से किसान काफी मायूस हैं.
बारिश से खेत से लेकर खलिहान तक पानी भर गया. कटी हुई फसल पानी में डूब गई. ऐसे में जहां धान के उत्पादन में लक्ष्य के अनुरूप कमी आएगी, वहीं लागत निकलनी भी मुश्किल होगी. तेज हवा के बीच हुई बारिश से किसानों के साथ आम जनमानस पर भी काफी असर पड़ा. बारिश से जहां जगह-जगह जलभराव की समस्या पैदा हो गई. जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि तेज हवा के बीच हुई बारिश से धान की फसल को थोड़ा नुकसान हुआ है.
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