4 दिसंबर को आंदोलन वापसी का ऐलान कर सकते हैं किसान, अब गृह मंत्रालय ने राज्यों को भेजा पत्र
केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है. एक साल से भी अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसान अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग पर अड़ गए हैं. कृषि कानून वापस लेने के बाद सरकार अब किसानों की इस मांग को लेकर भी नरम पड़ती नजर आ रही है. सरकार ने एमएसपी से संबंधित मसले पर बात करने के लिए पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं. सरकार की ओर से की गई इस पहल के बाद पंजाब के 32 किसान संगठन अपनी तरफ से दो नाम का सुझाव दे सकते हैं. जानकारी के मुताबिक सरकार और एसकेएम के बीच 19 नवंबर से ही बैक चैनल के जरिए वार्ता शुरू हो गई थी. सरकार ने आज एसकेएम से पांच सदस्यों के नाम मांगे हैं जिन्हें एमएसपी को लेकर बनने वाली कमेटी में शामिल किया जा सके.
माना जा रहा है कि एसकेएम की ओर से ये नाम दो दिन के अंदर भेज दिए जाएंगे. अटकलें लगाई जा रही हैं कि पंजाब के किसान संगठन कमेटी के लिए दो नाम आगे कर सकते हैं. दूसरी तरफ, सोनीपत-कुंडली बॉर्डर पर किसानों की 32 जत्थेबंदियों की बैठक हुई. इस बैठक में किसान नेता सतनाम सिंह ने आंदोलन खत्म करने के संकेत दिए. किसान नेता सतनाम सिंह ने दावा किया कि सरकार ने हमारी हर मांग मान लिया है. 4 दिसंबर को आंदोलन वापस लिए जाने का ऐलान किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने हर प्रदेश के मुख्यमंत्री को मुकदमे वापस लेने का प्रस्ताव भेज दिया है. हरियाणा के किसान नेता 1 दिसंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ बैठक करेंगे. सतनाम सिंह के मुताबिक मनोहर लाल खट्टर के साथ मुलाकात में आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाने को लेकर चर्चा होगी.
अपने बचाव का रास्ता तलाश रही सरकार- टिकैत
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि किसान जब नरेंद्र मोदी कमेटी की 2011 की रिपोर्ट लागू करने और MSP की कानूनी गारंटी मांग रहे हैं तब सरकार देश के आर्थिक तंत्र पर बोझ का रोना रोकर इससे बचने के रास्ते तलाश रही है. उन्होंने कहा कि कई सत्ता पोषित अर्थशास्त्रियों को सरकार ने अपने बचाव के लिए आगे कर दिया है.
एसकेएम ने दोहराई थीं सभी मांगें
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह स्पष्ट किया गया कि बैठक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 4 दिसंबर को ही होगी. इसकी तारीख में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. एसकेएम ने साथ ही ये भी स्पष्ट किया था कि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने, एमएसपी को लेकर कानून, इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट एक्ट वापस लिए जाने समेत अपनी सभी छह मांगों पर कायम है.