120 पौधों से छोटे किसान ने कमाए 5 लाख रुपए, जानिए सफलता की कहानी
सोर्स न्यूज़ - आज तक
महाराष्ट्र। बागवानी की फसलों की तरफ किसान तेजी से रूख कर रहे हैं. कम लागत और ज्यादा मुनाफे के चलते फलों की खेती किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है. किसान तक के मुताबिक, महाराष्ट्र के लातूर जिले के हरंगुल खुर्द गांव के रहने वाले किसान महेश बालाजी सूर्यवंशी ने अपने डेढ़ एकड़ खेत में चीकू से सालाना 5 लाख रुपये की कमाई की है.
महेश बालाजी के मुताबिक, 6 साल पहले अपने डेढ़ एकड़ खेत में चीकू के 120 पौधों को लगाया था. 4 साल बाद उसके पेड़ों पर फल आए. इस साल इन फलों पर 60 रुपये प्रति किलो हासिल हुआ है. अभी तक वह 5 लाख रुपये की इससे कमाई हासिल कर चुके हैं. इस दौरान फसल की बुवाई से लेकर सिंचाई तक, साथ ही बगीचे की देखभाल में कुल डेढ़ लाख रुपये की लागत आई है.
देश में लगभग 65 हज़ार एकड़ में चीकू की बागवानी प्रमुख रूप से कर्नाटक, तामिलनाडु, केरल, आंध्रा प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात राज्य में की जाती है. वहीं, देश में चीकू का सालाना लगभग 5.4 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होता है. इसे मिट्टी की कई किस्मों में उगाया जा सकता है लेकिन अच्छे निकास वाली गहरी जलोढ़, रेतली दोमट और काली मिट्टी चीकू की खेती के लिए उपयुक्त रहती है. मिट्टी की पीएच मान 6.0-8.0 होना बेहतर है. ध्यान रखें कि चिकनी मिट्टी और कैल्शियम की उच्च मात्रा युक्त मिट्टी में इसकी खेती ना करें.
चीकू की खेती के लिए, अच्छी तरह से तैयार ज़मीन की आवश्यकता होती है. मिट्टी को भुरभुरा करने के लिए 2-3 बार जुताई करके ज़मीन को समतल करें. सिंचाई की उपलब्धता और जलवायु के आधार पर अनानास और कोकोआ, टमाटर, बैंगन, फूलगोभी, मटर, कद्दू, केला और पपीता को अंतरफसली के तौर पर उगाया जा सकता है.