सेवानिवृत्त हो रहे राज्यसभा सांसदों को दी गई विदाई, पीएम मोदी भी हुए शामिल
दिल्ली। राज्यसभा में आज 72 सदस्यों को विदाई दी गई. उच्च सदन में 19 राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे इन सदस्यों का कार्यकाल मार्च से जुलाई 2020 के बीच पूरा होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के बेहतर भविष्य की कामना करते हुए उनसे आग्रह किया कि वे अपने अनुभवों को चारों दिशाओं में ले जाएं और अपने योगदानों को कलमबद्ध कर देश की भावी पीढ़ी को प्रेरित करें. पीएम मोदी ने सेवानिवृत्त हो रहे सांसदों के लिए उच्च सदन में दिए गए अपने विदाई भाषण में कहा कि जो सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उनके पास अनुभव की बहुत बड़ी पूंजी है और कभी-कभी ज्ञान से ज्यादा अनुभव की ताकत होती है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ''सदस्यों का अनुभव देश की समृद्धि में बहुत काम आएगा क्योंकि उन्होंने एक लंबा समय सदन की चारदिवारी में बिताया है. इस सदन में हिंदुस्तान की कोने-कोने की भावनाओं का प्रतिबिंब, वेदना और उमंग सबका एक प्रवाह बहता रहता है.'' पीएम मोदी ने कहा, ''भले हम इन चारदिवारी से निकल रहे हैं लेकिन इस अनुभव को राष्ट्र के सर्वोत्तम हित के लिए चारों दिशाओं में ले जाएं. चारों दीवारों में पाया हुआ सब कुछ चारों दिशा में ले जाएं.'' प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों से कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सदन में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया और उस योगदान ने देश को आकार और एक दिशा देने में भूमिका निभाई है तो उसे जरूर कलमबद्ध करें.
इससे पहले, सभापति एम वेंकैया नायडू ने सभी सांसदों व देश भर के विधायकों से उत्साह के साथ बेहतर प्रदर्शन करने और नियमों व प्रक्रियाओं का ईमानदारी से पालने करने की अपील की और कहा कि उन्हें अपने-अपने सदनों में व्यवधान पैदा करने से बचना चाहिए. उन्होंने सांसदों व देश के सभी विधायकों से जनता के विश्वास का सम्मान करने की भी अपील की. नायडू ने कहा कि जनता की उम्मीदें और आकांक्षाएं कानून व नीतियों के निर्माण में समाहित होती हैं, इसलिए सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि जनता की उम्मीदों को पूरा किया जाए. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि वर्ष 2017 के बाद राज्यसभा में कामकाज का 35 प्रतिशत समय व्यवधान के कारण बर्बाद हो गया. नायडू ने सेवानिवृत्त हो रहे कुछ सदस्यों के कार्यकाल की सराहना भी की. संसद की विभिन्न समितियों के अध्यक्ष के नाते बेहतर काम करने वाले सदस्यों की भी उन्होंने प्रशंसा की. उप सभापति हरिवंश ने कहा कि यहां से जा रहे सदस्यों के ज्ञान का भंडार आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा. उन्होंने कहा, ''कुछ सदस्य सदन में पुन: वापस आएंगे. जो सदस्य वापस नहीं आएंगे, वह एक नयी पारी की शुरूआत करेंगे. उम्मीद है कि वे किसी न किसी रूप में देश सेवा करते रहेंगे.''
सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि आज सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों ने अलग-अलग तरीके से सदन की गरिमा को बढ़ाने में योगदान दिया और अपनी छाप छोड़ी है, जिसे याद रखा जाएगा. गोयल ने याद किया कि उच्च सदन के सदस्य के रूप में वह जब पहली बार भाषण दे रहे थे तक भाजपा के तत्कालीन वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू (वर्तमान सभापति) और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी ने उनका उत्साहवर्धन किया था. उन्होंने कहा, ''जब सदस्य पूरी तैयार के साथ सदन में अपना पक्ष रखते हैं और जनता के हित में काम करते हैं तो मैं समझता हूं कि वास्तव में उच्च सदन की गरिमा और बढ़ेगी. साथ ही देश का भी विश्वास हम सभी पर बढ़ेगा.''