महान तबला वादक जाकिर हुसैन ने दुनिया को अलविदा कह दिया . उनके निधन की खबर की पुष्टि परिवार ने कर दी है. उन्हें हृदय संबंधी समस्याओं के बाद अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. करीब 6 दशक के लंबे करियर वाले हुसैन भारत के सबसे प्रतिष्ठित कलाकारों में शामिल थे. सरकार ने पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी नवाजा था.
परिवार के मुताबिक, इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कारण होने वाली जटिलताओं की वजह से जाकिर हुसैन का सोमवार तड़के निधन हो गया. वह 73 वर्ष के थे. जाकिर हुसैन पिछले दो हफ्तों से अस्पताल में भर्ती थे. हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था. परिवार ने पहले निधन की खबर का खंडन किया था. जाकिर हुसैन को अपने करियर में चार ग्रैमी पुरस्कार मिले हैं, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी अवार्ड्स में मिले थे. छह दशक लंबे अपने करियर में संगीतकार जाकिर हुसैन ने कई प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय और भारतीय कलाकारों के साथ काम किया.
भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.