यूपी के सुल्तानपुर में नाक-कान गले के लिए फेमस एक डॉक्टर की कोविड से अस्पताल में मौत हो गई. हैरानी की बात है कि उनको कोविड वैक्सीन की दोनों डोज़ लग गयी थी, बावजूद इसके उनकी मौत हो गई.
सुल्तानपुर जिले के एमजीएस स्कूल के पास रहने वाले डॉक्टर महेंद्र जीत शर्मा जिले के प्रसिद्ध डॉक्टरों में शुमार थे. वे नाक-कान और गले के रोगों के स्पेशलिस्ट थे. कोविड वैक्सीन आने की शुरुआत में इन्होंने प्राथमिकता के आधार पर अपना वैक्सीनेशन करवा लिया था और तय समय के साथ इन्होंने वैक्सीन की दूसरी डोज़ भी लगवा ली थी. इसके ठीक एक महीने बाद डॉक्टर साहब को कोरोना हो गया और उनकी तबीयत खराब हुई और वो हॉस्पिटल में भर्ती हुए. उन्हें बुखार था और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. ज्यादा नाजुक स्थिति देखते हुए इन्हें डॉक्टरों की सलाह पर लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इन्होंने बीते 14 मई को दम तोड़ दिया.
इनके परिवार में इनके एक बेटा और बेटी के अलावा पत्नी है. दोनों बच्चों की शादी हो चुकी है. बेटे मयंक शर्मा ने बताया कि पहले सब ठीक था. अचानक इनकी तबीयत ख़राब हुई और इन्हें लखनऊ में एडमिट करना पड़ा जहां इनकी मौत हो गई. चूंकि उस समय इनकी आरटीपीसीआर में कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आयी थी लेकिन हालत खराब थी. उन्हें डॉक्टरों ने बताया कि इनकी मौत पोस्ट कोविड निमोनिया की वजह से हुई है.
मयंक ने बताया कि मेरे पिता को कोविड हो गया था. शुरू में दिक्कत उतनी नहीं थी. ऑक्सीजन उनका डिप करने लगा. कुछ दिन सुल्तानपुर में थे फिर तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो मेदांता लखनऊ में एडमिट कराया. वहां 5-6 दिन वेंटिलेटर पर उनको रखना पड़ा. उसके बाद उनका देहांत हो गया. उनको कोविशील्ड की दोनों डोज़ लगी थी क्योंकि वो खुद डॉक्टर थे और डॉक्टर्स को पहले टीका लगाया गया था. उनकी डेथ का कारण पोस्ट कोविड कॉम्पिलीकेशन हमको बताया गया था. पोस्ट कोविड निमोनिया लोगों को हो रहा है. उनका आरटीपीसीआर टेस्ट नेगेटिव आ चुका था.