यूपी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित सनतकदा फेस्टिवल में सोमवार यानी 6 फरवरी को उस वक़्त लोग स्तब्ध रह गए जब एक कार्यक्रम के दौरान वाद्य यंत्र बजाते हुए मशहूर पखावज वादक दिनेश प्रसाद मिश्र को हार्ट अटैक आ गया. जब तक दिनेश प्रसाद मिश्र को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई गई, उनका देहांत हो चुका था. दिनेश प्रसाद की गिनती पखावज बजाने वाले मशहूर चुनिंदा कलाकारों में होती रही है. किसी को पता नहीं था कि जिस कलाकार के वादन को वह सुन रहे हैं, वह इस तरह से दुनिया से विदा हो जाएंगे. जानकारी के मुताबिक, सोमवार को महिंद्रा सनतकदा फेस्टिवल सफेद बारादरी में वह ताल वाद्य कार्यक्रम में पखावज बजा रहे थे.
वादन के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. आयोजक उन्हें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लेकर पहुंचे, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मूल रूप से मथुरा के रहने वाले पं. दिनेश मिश्र लगभग 68 साल के थे. पखावज वादक दिनेश मिश्रा का अंतिम संस्कार आलमबाग स्थित श्मशान घाट पर पूरे विधि विधान से परिजनों द्वारा किया जाएगा.
बता दें, दिनेश मिश्रा एसएनए अवार्ड से भी सम्मानित किए जा चुके हैं. वे पखावज वादक के साथ-साथ बेहतरीन तबलावादक भी थे. पंडित दिनेश वर्तमान में परिवार के संग देवपुर पारा में रहते थे. इनके पिता पं. बाबू लाल मथुरा के पखावज वादक थे. पं. बाबू लाल बीएचयू में पखावज वादक के शिक्षक थे. पं. दिनेश ने प्रारंभिक शिक्षा पिता से ही ग्रहण की.