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कहते हैं गुनाहगार कितना भी शातिर हो लेकिन कानून के लंबे हाथ उसके गिरेबान तक पहुंच ही जाते हैं. कुछ इसी तरह का एक मामला उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर में उस समय सामने आया जब एक व्यक्ति ने लेनदेन की रकम वापस ना करने के लिए अपने विरोधियों पर हत्या के प्रयास सहित अपने बच्चे के अपहरण की झूठी कहानी गड़ते हुए एफआईआर दर्ज करा डाली. पुलिस ने जब इस मामले की बारीकी से छानबीन की तो चौंकाने वाले कई तथ्य सामने आए और यह घटना पूरी तरह से गलत साबित हुई.
रामपुर के थाना टांडा क्षेत्र का रहने वाला जयपाल सिंह एक समिति चलाया करता है जिसके तहत उसने गरीब कन्याओं के विवाह के नाम पर लोगों से अच्छा खासा रुपया जमा कर लिया था. यहीं से उसके लालच की शुरुआत हुई और उसने काफी लोगों के साथ अपने शातिर दिमाग से ठगी करना शुरू कर दी. लेकिन इन सब में कुछ लोग ऐसे भी थे जो जयपाल से अपनी रकम को वापस मांगा करते थे.
इसी बात से उसको बेइज्जती महसूस होने लगी. जयपाल ने अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल करते हुए सोमवार की शाम को इसी थाना क्षेत्र अंतर्गत एक नदी के घाट पर स्वयं को चार लोगों द्वारा गोली मारने और उसके 8 वर्षीय पुत्र को अगवा कर ले जाने की झूठी कहानी गढ़ डाली. पुलिस ने उसे लहूलुहान अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं, उसके भाई की ओर से एफआईआर दर्ज कर अगवा बच्चे की तलाश शुरू कर दी.
पुलिस ने घटना की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद मामला अपहरण से जुड़ा होने के चलते तत्काल एक्शन लिया और नामजद चार आरोपियों में से रियाज नाम के व्यक्ति को हिरासत में ले लिया लेकिन जैसे ही पुलिस ने उसके शरीर पर अपनी नजर डाली तो वह 80 फीसद विकलांग (दिव्यांग) था. इसके बाद इस घटना की एक के बाद एक परत खुलती चली गई. अंत में पता चला के जयपाल द्वारा ही यह षड्यंत्र रचा गया था. अब पुलिस के सामने अगवा बच्चे को बरामद करने की चुनौती थी. किस्मत पुलिस का लगातार साथ दे रही थी और मात्र 12 घंटे के अंदर ही जहां इस घटना का खुलासा किया गया, वहीं बच्चे को भी बरामद कर लिया गया.
पुलिस द्वारा इस घटना का खुलासा मात्र 12 घंटे के अंदर ही कर दिया गया और साजिशकर्ता जयपाल सहित उसके सहयोगियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के इस खुलासे के बाद जहां आला अधिकारियों ने राहत की सांस ली है, वहीं, क्षेत्रीय जनता भी पुलिस की इस सक्रियता की तारीफ करते नहीं थक रही है.
पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल के मुताबिक, जनपद रामपुर के थाना टांडा क्षेत्र पर एक सूचना जयपाल नाम के व्यक्ति द्वारा दी गई कि एक रियाज नाम के व्यक्ति द्वारा उस पर फायरिंग की गई जिससे उसके हाथ पर चोट आई है. उसके बाद उसके 8 साल के बच्चे का अपहरण कर लिया गया है. इस सूचना पर स्थानीय पुलिस द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की गई और फरियादी को अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसकी स्थिति सामान्य थी.
फिर मैनुअल और टेक्निकल इंटेलिजेंस का सहारा लेते हुए थाना टांडा पुलिस ने मुखबिर से पूछताछ की और कार्यवाही करते हुए मात्र 12 घंटे में घटना का पर्दाफाश किया. इसमें यह तथ्य प्रकाश में आया कि उक्त व्यक्ति जयपाल द्वारा अपने प्रतिद्वंद्वी रियाज को फंसाने के लिए यह घटना स्वयं की गई थी. अपहरण की भी झूठी साजिश रच के बच्चों को खुद कहीं और छोड़ आया था जिसे मात्र 12 घंटे में थाना टांडा पुलिस की सक्रियता से बरामद किया गया है. उक्त व्यक्ति और इस घटना को कार्य करने में जो उसके सहयोगी रहे हैं उन पर मुकदमा लेकर उन्हें जेल भेजा जा रहा है.
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