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सांकेतिक तस्वीर
चेन्नई: चेन्नई के एक निजी स्कूल को सोमवार को ईमेल से बम की धमकी मिली। मामले की सूचना तमिलनाडु पुलिस के बम दस्ते को दी गई। लेकिन जांच के दौरान वहां ऐसा कुछ भी नहींं मिला। बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वाॅड स्कूल पहुंचा और स्कूल की गहन तलाशी ली। इस दौरान पीएसबीबी मिलेनियम स्कूल में बम होनेे की खबर झूठी निकली।
स्कूल को 1 मार्च को भी इसी तरह की फर्जी बम की धमकी मिली थी। स्कूल प्रशासन ने आईएएनएस को बताया कि बम की धमकी किसी अज्ञात व्यक्ति ने दी । ईमेल प्राप्त होने के बाद, कर्मचारियों ने तुरंत मंगदु में पुलिस को सूचित किया और छात्रों को स्कूल की इमारतों से बाहर निकाला गया।
आईटी पेशेवर सुजीत रामास्वामी ने आईएएनएस को बताया कि वह अपने बच्चे को घर वापस ले जाने के लिए स्कूल पहुंचे। 8 फरवरी को ग्रेटर चेन्नई पुलिस सीमा के 13 स्कूलों में बम की धमकी ईमेल से भेजी गई थी।
बम निरोधक दस्ते ने इन सभी स्कूलों की तलाशी ली, लेकिन कोई बम नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने ईमेल को अफवाह करार दिया था। ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने आईएएनएस को बताया कि सभी ईमेल की गहन जांच की जा रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बम की झूठी धमकी के मामले को सुलझाने के लिए एक विशेष साइबर विंग का गठन किया जाएगा।
विमान में बम होने की झूठी सूचना देने वाला बांग्लादेशी नागरिक कोलकाता में गिरफ्तार
27 फरवरी को एक उड़ान में विस्फोटक होने के संबंध में दिल्ली हवाई अड्डे पर फर्जी ईमेल भेजने के आरोप में 29 वर्षीय एक बांग्लादेशी नागरिक को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
आरोपी की पहचान बांग्लादेश निवासी मोहम्मद नजरूल इस्लाम के रूप में हुई। पुलिस के मुताबिक, 27 फरवरी को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में डायल एयरपोर्ट सुरक्षा अधिकारी ने शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि एयरपोर्ट ड्यूटी मैनेजर की ईमेल आईडी पर एक धमकी भरा ईमेल आया है। इसमें लिखा है कि दिल्ली से कोलकाता की फ्लाइट में विस्फोटक है। मेल में प्रत्येक बैग और सामान की जांच करने और आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया गया था।
इस पर दिल्ली हवाई अड्डे को हाई अलर्ट पर रखा गया। लेकिन जांच में ईमेल मात्र अफवाह निकला। जांच के दौरान, पता चला कि उक्त ईमेल आईडी झूठा ईमेल भेजे जाने से एक घंटे पहले ही बनाई गई थी।
पुलिस उपायुक्त (आईजीआई हवाईअड्डा) उषा रंगनानी ने कहा,“शुरुआती चुनौतियों के बावजूद, पुलिस टीम कोलकाता पहुंची, जहां ईमेल के स्रोत का पता क्लासिक होटल, पार्क स्ट्रीट, कोलकाता में स्थापित वाई-फाई कनेक्शन से लगाया गया। उस समय उस होटल में 40 मेहमान ठहरे हुए थे और वे सभी वाई-फाई कनेक्शन का उपयोग कर रहे थे और उनमें से लगभग सभी बांग्लादेशी नागरिक थे।” पुलिस ने होटल के 40 मेहमानों में से प्रत्येक की जांच की। इस दौरान पता चला कि अमरदीप कुमार नाम का एक व्यक्ति दिल्ली से अपने रिश्तेदार से मिलने होटल आया था।
डीसीपी ने बताया, “पूछताछ करने पर, उसने कहा कि वह इस होटल में अपने बहनोई नजरुल इस्लाम इस्लाम से मिलने आया था, जो लगभग एक महीने से यहां रह रहा था। ”पुलिस की पूछताछ में इस्लाम ने अपना अपराध कबूल कर लिया और खुलासा किया कि उसने उस उड़ान को रद्द करने के लिए ईमेल भेजा था, क्योंकि उसका साला अमरदीप उस उड़ान में उसके पास आ रहा था और वह नहीं चाहता था कि वह आए।
डीसीपी ने कहा, "इसका कारण पूछने पर, इस्लाम ने बताया कि 2017 में उसने लवली यूनिवर्सिटी, पंजाब से एयरलाइंस, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी का कोर्स किया था, जहां उसकी मुलाकात सोनिया नाम की लड़की से हुई और वे दोस्त बन गए।"
कोर्स पूरा होने के बाद वह अपने देश चला गया और 2020 में सोशल मीडिया के माध्यम से एक बार फिर सोनिया के संपर्क में आया । उसने उससे कहा कि वह अमेरिका से पीएचडी कर रहा है और उसे अमेरिकी वीजा मिल गया है।
डीसीपी ने कहा, "लड़की उसकी फर्जी प्रोफाइल से प्रभावित हो गई और उसने अप्रैल 2023 में उससे शादी कर ली। लेकिन शादी के बाद, उसकी पत्नी को उस पर शक हो गया और उसने उसे अपने साथ यूएसए ले जाने के लिए जोर दिया।" इस्लाम चल रहे किसान आंदोलन के कारण कोलकाता में फंसने का बहाना बनाकर अपनी पत्नी को टालता रहा। इसलिए सोनिया ने अपने भाई अमरदीप को पता लगाने के लिए भेजने का फैसला किया। डीसीपी ने कहा, " इस्लाम ने यह भी बताया कि बांग्लादेश में अपने ऋणदाताओं से बचने के लिए वह भारत में रह रहा है, क्योंकि उस पर लगभग 50 लाख टके का कर्ज है।"
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