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फर्जी वसीयत: पूर्व मंत्री को बनाया निशाना, पूर्व विधायक पर कसा शिकंजा

jantaserishta.com
28 July 2024 2:48 AM GMT
फर्जी वसीयत: पूर्व मंत्री को बनाया निशाना, पूर्व विधायक पर कसा शिकंजा
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पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
आगरा: चार बार के विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत रघुवर दयाल वर्मा की जमीन हड़पने के लिए उनकी फर्जी वसीयत बनाई गई। दो बार आरोपियों ने उनका वारिस बनने का प्रयास किया। तहसील की जांच में हकीकत सामने आने के बाद आगरा के शाहगंज थाने में धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुकदमे में सपा के शिकोहाबाद के पूर्व विधायक ओमप्रकाश वर्मा सहित सात नामजद हैं। मुकदमे के बाद शाहगंज पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
पूर्व मंत्री रघुवर दयाल वर्मा की 17 जून 2011 को मौत हुई थी। उनकी कोई संतान नहीं थी। उनकी मौत से पांच साल पहले उनकी पत्नी का देहांत हो गया था। मुकदमा उनकी सगी बहन के नाती अधिवक्ता राजेश कुमार वर्मा ने दर्ज कराया है। राजेश कुमार वर्मा आवास विकास कालोनी सेक्टर तीन में रहते हैं। करीब 70 करोड़ की 28 बीघा जमीन हड़पने की साजिश रची गई थी। जमीन धाधूपुरा और करभना में है। राजेश कुमार वर्मा ने मुकदमे में लिखाया है कि पूर्व मंत्री की दो बहनें थीं धनवंती और भूदेवी। उनके परिजन ही पूर्व मंत्री के असली वारिस हैं। तहसील दस्तावेजों में उनके नाम अंकित हैं। राजेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया है कि अगस्त 2011 में नगला पैमा निवासी शिवराम सिंह, विजेंद्र सिंह व तुरफान ने खुद को रघुवर दयाल का वारिस बताते हुए तहसील में प्रार्थना पत्र दिया। उसे जांच के बाद निरस्त कर दिया गया।
आरोपियों ने उसके बाद साजिश के तहत एक वसीयत पेश की। उसके रजिस्टर्ड होने का दावा किया। वसीयत को आठ जुलाई 1981 का दर्शाया गया। वसीयत पर बाबा रघुवर दयाल वर्मा और उप निबंधक तेज बहादुर के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे। कोर्ट के आदेश पर हस्ताक्षर मिलान हुआ। जांच में हस्ताक्षर फर्जी निकले। जांच के लिए बाबा के हस्ताक्षर की प्रति विधानसभा से निकलवाई गई थी। यह मामला तहसील में चल रहा था। वहां वाद का निस्तारण उनके पक्ष में हुआ। पीड़ित ने डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय को प्रार्थना पत्र दिया था। तहसील में चले वाद के निस्तारण के कागज भी लगाए गए थे। इसी आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है।
मुकदमे में ये हैं नामजद
मुकदमे में नगला पैमा निवासी शिवराम सिंह, विजेंद्र सिंह, तूरफान सिंह, पूर्व विधायक ओमप्रकाश वर्मा, निहाल, मोहन वर्मा, विशंभर सिंह, तत्कालीन उप निबंधक व कर्मचारीगण को आरोपित बनाया गया है। पूर्व विधायक ओमप्रकाश आरोपित शिवराम सिंह के बेटे हैं। वह फर्जी वसीयत में गवाह दिखाए गए हैं।
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