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नकली टीटीई गिरफ्तार, इस वजह से बना ठग

HARRY
27 Aug 2021 12:00 PM GMT
नकली टीटीई गिरफ्तार, इस वजह से बना ठग
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बड़ी कार्रवाई

चंडीगढ़ के कई युवा रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार हुए हैं. नौकरी लगाने का वादा कर उनसे मोटी रकम ले ली गई, लेकिन न तो नौकरी लगी और न ही पैसे वापस हुए. ऐसे ठगी के शिकार कुछ युवा खुद भी ठग बन आम लोगों को ही अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया. दरअसल कालका-हावड़ा मेल ट्रेन में बीते सोमवार को नकली टीटीई पकड़े गए. इसमें से एक युवक पंकज कुमार ने बताया कि वह तो खुद रेलवे में भर्ती होने के नाम पर ठगी का शिकार हुआ. एक गिरोह है जो रेलवे में भर्ती करवाने का झांसा देकर पढ़े-लिखे युवाओं को ठग रहा है.

पंकज ने बताया कि उसको भी 4 महीने पहले टीटीई का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, आईकार्ड देकर ट्रेनिंग के नाम पर ड्रेस देकर ट्रेनों में चेकिंग के लिए भेजा जाने लगा था. बाद में पंकज को खुद के साथ हुई ठगी का पता चला तब तक उसे टीटीई की वर्दी में यात्रियों से जुर्माने के तौर पर रकम जुटाने में मजा आने लगा. गिरोह का सरगना ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि मोहाली, चंडीगढ़ के अलावा अम्बाला, राजस्थान में भी ट्रेनों में चेकिंग करते थे और यात्रियों से जुर्माने के नाम पर पैसों की वसूली की जाती थी. पूछताछ में सामने आया कि फर्जी टीटीई गिरोह का सरगना आशुतोष नाम का व्यक्ति है. यह गिरोह सिकंदराबाद व बिहार के जिला रोहतास में एक्टिव है. गिरोह के सदस्य यात्रियों से ईएफटी के जरिए जुर्माना वसूल किया करते थे. पंकज को गिरफ्तार करने के बाद जीआरपी ने उसके बताए पते पर चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के निकट होटल पर छापेमारी की. यहां से रेलवे के फर्जी नियुक्ति पत्र और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं. पुलिस अब पंकज के साथ ट्रेन में चेकिंग करने वाले 4-5 अन्य फर्जी टीटीई की तलाश कर रही है.

पूछताछ में पंकज ने बताया कि वो बिहार के रोहतास जिले का रहने वाला है और एनएसआईटी बिहार से तकनीकी डिप्लोमा कर रखा था. पहले उसे रेलवे में भर्ती का झांसा दिया गया. फिर टीटीई की ट्रेनिंग देने के लिए ट्रेनों में चेकिंग करवाई गई. फर्जीवाड़ा पता चलने पर उसने गिरोह नहीं छोड़ा और लालच में फंस ट्रेनों में चेकिंग कर यात्रियों से पैसे वसूलता रहा. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि आशुतोष चेकिंग में साथ चलता था. जिस रूट पर रेलवे की असली चेकिंग होती थी, वहां नकली टीटीई ट्रेन छोड़ देते थे. ये उस ट्रेन को निशाना बनाते थे, जिसमें टीटीई ज्यादा चेकिंग नहीं करते थे.

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