देहरादून। फौजी बताकर लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगने की कोशिश कर रहे जालसाज को प्रेमनगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद उसने खुद को आईएमए में तैनात बताया. मिलिट्री इंटेलीजेंस (Military Intelligence) से मिले इनपुट के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की गई. आरोपी के मोबाइल से कई लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर रुपये लिए जाने के साक्ष्य मिले हैं. पुलिस इसकी जांच की जा रही है. साथ ही आरोपी सुनील के पास पुलिस को आर्मी की वर्दी के साथ आर्मी का एक आईकार्ड कवर जिस पर आर्मी का मोनो ग्राम के साथ परिचय पत्र भारतीय सशस्त्र सेना लिखा था. साथ ही ठगी के लिए 5 मोबाइल सिम भी बरामद हुई.
आरोपी सुनील बाजीगर राजस्थान के हनुमानगढ़ का रहने वाला है और पिछले कई महीनों से देहरादून के अलग अलग इलाकों में रह रहा है. वहीं मामले में प्रेमनगर थानाध्यक्ष कुलदीप पंत ने बताया कि एक युवक के खुद के फौज में बताकर रहने और कई लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर रुपये लेने का इनपुट मिला. इस पर कार्रवाई करते हुए थाना पुलिस ने पौंधा क्षेत्र में दबिश दी. उन्होंने बताया कि इस दौरान फौज की वर्दी पहने एक युवक को गिरफ्तार किया गया. जिसकी पहचान सुनील बाजीगर (27) पुत्र महेंद्र सिंह निवासी हनुमानगढ़, राजस्थान के रूप में हुई. उसने फौजी वर्दी पर सुनील बाजीगर बी नाम की प्लेट लगाई थी. उससे पूछताछ की तो बताया कि वह आईएमए में मिलिट्री पुलिस में तैनात है. इस पर मौके से टीम ने आईएमए में कर्नल नितिन थापा को फोन कर उसके बारे में जानकारी ली. उन्होंने आरोपी की तैनाती से इंकार कर दिया.
पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया. उससे पुलिस ने फौज का आई कार्ड कार्ड होल्डर, सेना के बूट, कई पहचान पत्र, चेक बरामद किया है. बैग की तलाशी लेने पर उसमें सेना की टोपी और अन्य उपकरण मिले. आरोपी के खिलाफ पुलिस ने फर्जीवाड़े को लेकर केस दर्ज किया. उससे पूछताछ की गई तो बताया कि वह सेना में भर्ती होना चाहता था. भर्ती नहीं हो पाया तो उसने जनवरी में अपने परिजनों को बताया कि वह सेना में भर्ती हो गया है. इसके बाद उसका विवाह हो गया. विवाद के बाद देश के अलग-अलग शहरों में पोस्टिंग की बात कहकर रहा. बताया कि अंबाला कैंट से उसने सेना की यह वर्दी खरीदी. जिसे पहनकर उसने कई वीडियो बनाए और लोगों को भेजे. साथ ही पैसों के लिए ठगी करने का भी प्लान तैयार किया.