नकली पेट्रोल-डीजल जब्त, छापेमारी में पुलिस को मिले 184 ड्रम ऑयल
जयपुर। राजस्थान के खैरथल-तिजारा के किशनगढ़बास क्षेत्र में नकली पेट्रोल डीजल (fake Petrol and diesel) बनाने का खुलासा हुआ है. लंबे समय से केमिकल से यहां नकली पेट्रोल डीजल बनाया जा रहा था. पुलिस ने मौके से करीब 40 हजार लीटर नकली पेट्रोल डीजल ड्रम में भरा हुआ था, जिसे पुलिस ने नष्ट करा दिया है. मामले की जांच पड़ताल के लिए इंडियन ऑयल सहित अन्य ऑयल कंपनी के अधिकारियों को भी बुलाया गया.
खैरथल-तिजारा जिला पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार चौधरी ने बताया कि किशनगढ़बास के गांव कांकरा में एक छोटी ढाणी में नकली पेट्रोल डीजल की सूचना मिली. इस पर पुलिस टीम ने गांव में दबिश दी. पुलिस टीम ने गांव को घेर लिया, उसके बाद छापेमारी की. पुलिस को देख ग्रामीण मौके से फरार हो गए. इस दौरान भारी मात्रा में केमिकल बरामद हुआ. पुलिस को केमिकल से भरे 184 ड्रम मिले हैं. वहीं भारी मात्रा में नकली पेट्रोल व डीजल भी बरामद किया गया है. मौके से कैश मिला है.
पुलिस ने बताया कि हरियाणा से केमिकल लाकर उसमें अन्य एसेंस व केमिकल मिलाकर नकली डीजल-पेट्रोल तैयार किया जाता था. इसके बाद डिमांड के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई किया जाता था. यह दिखने में बिल्कुल डीजल व पेट्रोल की तरह नजर आता है. मौके पर ड्रम और बड़ी टंकियों में मिले केमिकल और नकली पेट्रोल डीजल को नष्ट करने के लिए कई क्रेन को लगाया गया.
इस कार्रवाई के बाद आसपास क्षेत्र में हड़कंप मच गया. इस दौरान डीएसओ सहित अन्य टीमों को बुलवाया गया और केमिकल की जांच करवाई गई. फिलहाल पुलिस टीम कार्रवाई में जुटी है. इस दौरान डीएसओ रणधीर, इंडियन ऑयल कंपनी के प्रतिनिधि शुभम शर्मा, रसद विभाग की प्रवर्तन निरीक्षक रेखा खींची सहित कई अधिकारी मौजूद रहे. पुलिस ने बताया कि तैयार होने वाला नकली पेट्रोल-डीजल ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई किया जा रहा था. दूरदराज के गांव में पेट्रोल पंप की सुविधा नहीं होती है, इसलिए वहां नकली पेट्रोल डीजल की खपत ज्यादा रहती है. जांच पड़ताल में सामने आया है कि इनका नेटवर्क राजस्थान के अलावा आसपास के क्षेत्र में भी फैला हुआ था.