कोलकाता। भारतीय सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय फोर्ट विलियम में एक धोखेबाज के एंट्री करने की कोशिश का मामला सामने आया है। कोलकाता स्थित इस हेडक्वार्टर में यह शख्स खुद को हाई-रैंक ऑफिसर बताकर घुसने की फिराक में था। हांलाकि, उसकी चाल तभी नाकाम हो गई जब वह अधिकारियों के एंट्री रजिस्टर में अपनी डिटेल नहीं लिख सका। यह नटवरलाल खुद को सेना का मेजर बता रहा था। इतना ही नहीं, वह एक काले रंग की BMW कार से फोर्ट विलियम पहुंचा था जिसे एक ड्राइवर चला रहा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, एंट्री गेट पर इस शख्स ने अपने फोन पर एक आईडी कार्ड दिखाया। इस ID कार्ड पर 5वीं गोरखा राइफल्स (फ्रंटियर फोर्स) यूनिट के मेजर एमएस चौहान का नाम लिखा था। इस दौरान उससे अधिकारियों के एंट्री रजिस्टर में अपनी डिटेल लिखने के लिए कहा गया। मगर, वह महज अपना मोबाइल नंबर ही लिख पाया। यह देखर ऑन-ड्यूटी सैन्य पुलिसकर्मी को कुछ गड़बड़ होने का संदेह हुआ। उन्होंने तुरंत इसे लेकर कंट्रोल रूम को सूचित कर दिया।
जांच के बाद पता चला कि यह शख्स आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम का रहने वाला है। वह आदतन अपराधी है। सितंबर 2023 से फरवरी 2024 तक वह ओडिशा के किशोर गृह में बंद था। 13 फरवरी को उसे रिहा किया गया था। अपनी रिहाई के बाद वह कटक के होटल प्राइड में रुका था। उसने होटल को 6,393 का चूना लगाया और वहां चल दिया। इसके बाद उसने 14 मार्च को हावड़ा रेलवे स्टेशन तक बिना टिकट यात्रा की और एयरपोर्ट के लिए कैब ली। रास्ते में उसने होटल जेडब्ल्यू मैरियट को फोन किया और एयरपोर्ट से उसे लेने के लिए कैब भेजने को कहा। इसके बाद उसने होटल से BMW कैब किराए पर ली और ड्राइवर से कहा कि वह राष्ट्रपति के अंगरक्षक रेजिमेंट के पैनल में सैन्य अधिकारी है।