शादी के नाम पर धोखाधड़ी के कई किस्से आप सुने होंगे, लेकिन यह मामला काफी रोचक है। एक व्यक्ति ने एक नहीं, कुल 17 परिवरों को को झांसा देकर ठगी का शिकार बनाया। मामला आंध्र प्रदेश का है। 42 वर्ष के एक शख्स ने खुद को भारतीय सेना के मेजर बताते हुए 17 परिवारों का शादी का प्रस्ताव दिया और उनसे छह करोड़ रुपए ठग लिए। आरोपी को हैदराबाद से शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
स्थानीय पुलिस कु मुताबिक, मुदावथ श्रीनू नाइक उर्फ श्रीनिवास चौहान, जो प्रकाशम जिले के मुंडलामुरु मंडल के केलामपल्ली गांव का रहने वाला है, ने शादी के बहाने कथित तौर पर 17 महिलाओं को धोखा दिया। इनके परिवारों से उसने 6.61 करोड़ रुपये ऐंठ लिए। पुलिस ने आरोपी के पास से तीन डमी पिस्तौल, आर्मी की एक फर्जी आईडी कार्ड, फर्जी डिग्री (मास्टर) प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज जब्त किए। पुलिस ने उसकी तीन कारों को भी जब्त कर लिया है। पुलिस को आरोपी के पास से 85,000 रुपये नकद भी मिले।
पुलिस कु मुताबिक, आरोपी सिर्फ नवीं पास है, लेकिन उसने फर्जी पीजी डिग्री बना लिया था। आरोपी श्रीनिवास चौहान की शादी अमृता देवी से हुई थी। उससे उसका एक बेटा भी है, जो इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहा है। उसका परिवार आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में रहता है। 2014 में श्रीनिवास हैदराबाद आ गया और जवाहर नगर के सैनिकपुरी में रहने लगा। उसने अपने परिवार को बताया कि उसे भारतीय सेना में मेजर की नौकरी मिली है। परिवार के लोग श्रीनिवास की उस झूठ को नहीं पहचान सके और उसपर विश्वास कर लिया।
स्थानीय पुलिस ने बताया कि आरोपी ने अवैध रूप से श्रीनिवास चौहान के नाम पर एक आधार कार्ड भी बनवा लिया। उसमें उसकी जन्म तिथि 12 जुलाई 1979 के बजाय 27 अगस्त 1986 दर्ज है।
पुलिस ने कहा, "वह शादी सलाहकारों या अपने दोस्तों की मदद से दुल्हनों के बारे में जानकारी एकत्र करता था। इसके बाद वह आर्मी की फर्जी आईडी, फोटो और खिलौना वाले पिस्तौल के सहारे दुल्हन के परिवारवालों को यकीन दिलाता था कि वह सेना में मेजर है। लड़की वालों से बातचीत के दौरान वह बताता था कि उसने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे से स्नातक की पढ़ाई की है। वह यह भी कहता था कि भारतीय सेना के हैदराबाद रेंज में एक मेजर के रूप में उसे तैनात किया गया है।"
आरोपी श्रीनिवास लड़कीवालों से शादी के नाम पर पैसे भी ऐंठता था। उन पैसों से वह अपने लिए लक्जरी वस्तुओं के अलावा सैनिकपुरी में एक डुप्लेक्स के अलावा तीन कारें भी खरीदी। लेकिन शनिवार को उसके इस कारनामे का पर्दाफाश हो गया। पुलिस आयुक्त के उत्तरी क्षेत्र टास्क फोर्स ने उस समय उसे पकड़ लिया, जब वह अपनी कार से कहीं जा रहा था।