मिलिट्री इंटेलीजेंस की सूचना पर फर्जी लेफ्टिनेंट गिरफ्तार, गांव वालों को दिखाता था रौब
यूपी। कुशीनगर के उत्कर्ष पाण्डेय ने तो जालसाजी में कमाल ही कर दिया। उसने वायु सेना में खुद को फ्लाइट लेफ्टिनेंट बताकर गांव में तो रौब जताया। साथ ही कई युवाओं से सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये वसूले लिये। दबाव पड़ने पर उसने पीड़ितों को फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिये। उसके झांसे में सिर्फ बेरोजगार ही नहीं आये बल्कि विधायक और सांसद तक आ गये। कुछ समय पहले एक विधायक और सांसद तो बेटी का रिश्ता लेकर उसके घर पहुंच गए थे। तीन साल तक रौब गांठते रहे उत्कर्ष पाण्डेय को एसटीएफ ने मिलिट्री इंटेलीजेंस की सूचना पर चिनहट से गिरफ्तार कर लिया।
गांव में हमेशा सेना की वर्दी में ही आता-जाता था। जब भी गांव से जाता तो यही बताता कि उसकी ट्रेनिंग चल रही है। जबकि वह लखनऊ में एक रेस्त्रां में साझीदार था। दावा किया जा रहा है कि उसने अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों से वसूली की है।
एसटीएफ के एएसपी अमित नागर के मुताबिक उत्कर्ष कुशीनगर के निम्बुआ, नौरंगिया का रहने वाला है। उत्कर्ष ने लखनऊ के अलावा कानपुर, गोरखपुर, बहराईच, बस्ती, सौनौली समेत कई जिलों के बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फंसा लिया था। सेना के अफसरों, विधायक और कई कार्यक्रमों में मंच पर अपनी मौजूदगी दिखाकर वह सबको रुतबा भी बताता रहता था। उत्कर्ष के पिता कृष्ण कुमार को कुछ शक हुआ तो उन्होंने पूछा कि ट्रेनिंग पर कब जा रहे हो। इस पर वह सात दिन के लिये घूमने चला गया और लौटने पर सबसे कहा कि ट्रेनिंग तेलांगना में चल रही थी। कोरोना की वजह से अब ट्रेनिंग रोक दी गई है।
उत्कर्ष ने एसटीएफ को बताया कि कुछ समय बाद लोग उस पर विश्वास करने लगे। इस पर ही उसने सबसे नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये वसूलना शुरू कर दिया। किसी से सात लाख तो किसी से पांच लाख रुपये उसने लिये। उसके खाते में एसटीएफ को साढ़े 10 लाख रुपये मिले हैं। वर्ष 2021 में उसने लखनऊ में किराये पर मकान ले लिया। लोगों के साथ स्पाइसी स्वैगर्स नाम से फूडशाप खोल ली।