भारत

फर्जी लाइसेंस बनाने वाला गिरोह पकड़ाया

jantaserishta.com
28 April 2022 4:40 AM GMT
फर्जी लाइसेंस बनाने वाला गिरोह पकड़ाया
x

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने पिस्तौल के फर्जी लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. यह गैंग जम्मू-कश्मीर से फर्जी लाइसेंस हासिल कर देश के अलग-अलग हिस्सों से पिस्तौल खरीदता था. इस गैंग के तार दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और कश्मीर से जुड़े हैं. पुलिस को उनके पास से 15 फर्जी लाइसेंस बरामद किए हैं.

क्राइम ब्रांच ने फर्जी लाइसेंस से खरीदी गई दो पिस्तौल और 32 कारतूस भी बरामद किए. साथ ही एक गन हाउस के मालिक को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि गन हाउस ग्वालियर से ऑपरेट हो रहा था, जहां से असलहों की खरीद-फरोख्त की जाती थी.
डीसीपी दीपक यादव ने बताया कि टीम को खबर मिली थी कि अभिमन्यु और अन्नू अवैध असलहे के कारोबार से जुड़ा है और दिल्ली एनसीआर, मेरठ में एक्टिव है. यह शख्स गाड़ियों की चोरी की खरीद-फरोख्त का भी काम करता है. 12 अप्रैल को पुलिस ने नोएडा और मयूर विहार के बीच एक फॉर्च्यूनर कार को रोका, जिसमें अभिमन्यु सवार था.
जांच के दौरान अभिमन्यु के पास से एक 32 बोर का रिवॉल्वर और पांच कारतूस मिले. शुरुआती जांच में पता चला कि अभिमन्यु के पास कठुआ से बना हुआ जो बंदूक का लाइसेंस था, जांच के बाद लाइसेंस फर्जी पाया गया. इनके पास से चोरी की फॉर्च्यूनर कार पाई गई. इस कार को दिल्ली के वसंत कुंज इलाके से चुराया गया था.
अभिमन्यु ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वो फर्जी गन लाइसेंस ग्वालियर के साकेश से हासिल करता था. आदर्श से उसने मध्य प्रदेश के मुरैना से फॉर्च्यूनर कार ली थी. फर्जी लाइसेंस के आधार पर उसने शान गन हाउस (ग्वालियर) से 32 बोर की रिवॉल्वर भी खरीदी थी. पुलिस ने जांच का सिलसिला को आगे बढ़ाया तो पता चला पुलिस ने आरोपी सतीश कुमार को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया. सतीश ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने 50 से ज्यादा फर्जी लाइसेंस कठुआ से बनवाए हैं. यह फर्जी लाइसेंस रामेश्वर दत्त उर्फ बाबूजी बनाता था.
पुलिस ने गहराई से जांच की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. इस दौरान पुलिस को पता चला कि बाबूजी जम्मू-कश्मीर के कठुआ की लाइसेंसी अथॉरिटी में काम करता था, जिसे वहां से बर्खास्त कर दिया गया. इससे पहले वह डीएम ऑफिस में भी तैनात रहा है और वो फर्जी लाइसेंस बनाने के सभी तरीके जानता था. आरोपी के कब्जे से अधिकारियों की चार फर्जी मोहरें भी बरामद हुई हैं.
आरोपी अभिमन्यु राय उर्फ ​​अन्नू (उम्र 30 साल) ने बीसीए की पढ़ाई की है और उस पर विवादित संपत्ति के कारोबार में 7 आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. 7 फरवरी 2020 को उसने ग्वालियर में अपने प्रतिद्वंद्वी की हत्या कर दी. जमानत मिलने के बाद वह फर्जी लाइसेंस के आधार पर ली गई 32 बोर की रिवॉल्वर अपने पास रखता था. वह शादीशुदा है. हत्या और हत्या के प्रयास, सरकारी कर्मचारी के साथ मारपीट के 6 आपराधिक मामले उस पर दर्ज हैं.
आरोपी अशोक अग्रवाल (उम्र 64 वर्ष) ने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और ग्वालियर में शान गन हाउस का मालिक हैं. जल्दी पैसा कमाने के लालच में उसने जानबूझ कर फर्जी शस्त्र लाइसेंस पर अध्यादेश के हथियार बेच दिए. उनके परिवार में उनके दो बच्चे और पत्नी हैं. रामेश्वर दत्त उर्फ ​​बाबूजी (उम्र 50 वर्ष):- वो उर्दू भाषा में स्नातकोत्तर है, उन्हें अनुबंध के आधार पर डीएम कार्यालय कठुआ जम्मू-कश्मीर में कनिष्ठ सहायक (राजस्व विभाग) के रूप में नियुक्त किया गया था. उसने फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाकर साकेश कुमार को उपलब्ध कराए थे.
Next Story