यूपी। खाद्य सुरक्षा विभाग और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने नोएडा के वाजिदपुर गांव के घर में नकली देशी घी बनाने वाली फैक्टरी का भंडाफोड़ किया। टीम ने पांच आरोपियों को हिरासत में लिया है। मौके से 240 किलोग्राम नकली घी जब्त किया गया है। बड़ी बड़ी कंपनियों के लेबल लगाकर घी को सस्ते दामों में बेचा जाता था। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल ने बताया कि वाजिदपुर निवासी संदीप चौहान, जसवंत चौहान और महेंद्र चौहान के संरक्षण में उनके घर पर विकास अग्रवाल निवासी बदरपुर दिल्ली फैक्ट्री चला रहा था। वह मिलावटी घी तैयार करता था। उसके पास फैक्ट्री चलाने के लाइसेंस भी नहीं था। फैक्ट्री से करीब 20 पेटी घी बरामद हुआ है। प्रत्येक पेटी में एक-एक किलोग्राम के 12 डिब्बे थे।
फैक्ट्री में वनस्पति घी में केमिकल डालकर देशी घी तैयार किया जाता था। एक किलोग्राम घी तैयार करने में लगभग 200 रुपए खर्च आता था। जबकि उक्त घी को बाजार में 500 से 700 रुपए में बेच देता था। डिब्बों पर नामचीन कंपनियों का लेबल चिपके होने के कारण बाजार में घी बिक रहा था। टीम को फैक्ट्री में आरोपी संदीप के अलावा चार अन्य व्यक्ति काम करते मिले। टीम ने दावा किया है कि फैक्ट्री जनवरी को ही शुरू हुई थी। उनके खिलाफ एक्सप्रेस-वे थाने में मामला दर्ज कराया जाएगा।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि मिलावटी चीजों के इस्तेमाल से किडनी, लीवर और दिल पर असर पड़ता है। इनसे कैंसर तक हो सकता है। पेट और स्किन के रोग तो तत्काल दिखाई देने लगते हैं, लेकिन बाकी गंभीर बीमारियां धीरे-धीरे घेरती है। खाद्य विभाग ने बताया कि एक बर्तन में एक चम्मच घी गर्म कर लें। अगर घी तुरंत पिघल जाता है और गहरे भूरे रंग में बदल जाता है, तो यह शुद्ध है। और अगर पिघलने में समय लगता है और हल्के पीले रंग में बदल जाता है, तो यह मिलावटी है।