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फर्जी शिक्षा अधिकारी अरेस्ट, पूरा परिवार भी पुलिस की गिरफ्त में

Nilmani Pal
12 May 2023 1:30 AM GMT
फर्जी शिक्षा अधिकारी अरेस्ट, पूरा परिवार भी पुलिस की गिरफ्त में
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पुलिस का चौंकाने वाला खुलासा

मध्य प्रदेश। बैतूल में पुलिस ने फर्जी शिक्षा अधिकारी को गिरफ्तार किया है. साथ ही उसके माता-पिता और बहन को भी गिरफ्तार किया है. ये लोग भी सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने में उसकी मदद करते थे. ये लोग शिक्षा विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 120 लोगों को ठग चुके हैं.

पुलिस की जांच के दौरान दो से तीन करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. दरअसल, कुछ समय पहले आरोपी विशाल जैसवाल के खिलाफ बैतूल के गंज थाना और बैतूल बाजार थाना में पीड़ित पक्ष ने शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के बाद एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने जांच के आदेश दिए और आरोपी विशाल जैसवाल को गिरफ्तार किया गया. जांच में पाया गया कि उसके पिता प्रेमचंद जयसवाल, मां सुशीला जैसवाल और बहन अंजना जैसवाल के साथ भोपाल का रहने शुभम जोशी भी इस ठगी में शामिल था. पुलिस ने पांचों आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को आरोपी के पास से सैकड़ों दस्तावेज मिले हैं, जिनमें माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल के फर्जी लेटर हेड, फर्जी सील और मार्कशीट शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस ने एक कंप्यूटर, एक लैपटॉप और दो मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं. मोबाइल की जांच करने पर पता चला है कि 120 से ज्यादा लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र दिए गए हैं. साथ ही लाखों रुपयों का ट्रांजैक्शन किया गया है. पीड़ित लोकेश कुमार नामदेव और दिलीप सुलझाने ने पुलिस को बताया कि उन्हें माध्यमिक शिक्षा मंडल में कंप्यूटर क्लर्क की नौकरी दिलाने का झांसा दिया था.

इसके लिए 3 लाख और 5 लाख रुपये की डिमांड रखी गई थी. सरकारी नौकरी के लालच में दोनों पीड़ितों ने खुद तो रुपए दिए. इसके अलावा अपने साथियों को भी नौकरी दिलाने के लिए आरोपी से मिलवाया और उनसे भी पैसे दिलवाए थे. शुरुआती जांच में 10 लोगों से 17 लाख 80 हजार रुपये की ठगी का मामला सामने आया है.

मामले में एसपी सिद्धार्थ चौधरी का कहना है कि इस मामले में और भी पीड़ित सामने आएंगे. आरोपी से पूछताछ में सामने आया है कि पहले विशाल जैसवाल एक्टिंग और मॉडलिंग के क्षेत्र में जाना चाहता था. इसके लिए वह बैतूल से भोपाल गया और वहां से मुंबई गया. मगर, वहां उसे सफलता नहीं मिली. एसपी ने आगे बताया कि इसके बाद आरोपी भोपाल वापस आ गया. पैसों की तंगी को दूर करने के लिए उसने ठगी करने का यह तरीका निकाला. विशाल किराए का गाड़ी लेकर उस पर मध्यप्रदेश शासन और बेसिक शिक्षा अधिकारी लिखकर घूमता था. इससे लोगों को उसकी बातों पर भरोसा हो जाता था.


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