देश में एक तरफ कोरोना महामारी फैली हुई है तो वहीं ऐसे माहौल में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो मरीजों के परिजनों से इसका आर्थिक लाभ उठा रहे हैं. इस दौरान महाराष्ट्र के पिंपरी-चिंचवड में पुलिस ने एक फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में उसने बताया कि वह 10वीं पास है. मुन्नाभाई 'एम.बी.बी.एस' देख कर प्रेरित हुआ. इसके बाद वह डॉक्टर बन गया.
पिंपरी चिंचवड शहर के पुलिस कमिश्नर कृष्णप्रकाश ने बताया कि खुद को डॉक्टर बताने वाले व्यक्ति का नाम अक्षय नेहरकर है. उसके पास अस्पतालों में नौकरी करने के लिए ना तो कोई मेडिकल की डिग्री है और ना तो कोई शैक्षिक योग्यता. उसकी फर्जी डॉक्टर होने की पोल तब खुली जब उसने एक बड़े निजी मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी में कंसल्टेंट के पद पर नौकरी प्राप्त करने के लिए अपने जरूरी कागजात उस कंपनी को पेश किए. जब अक्षय के भेजे गए उन कागजों की जांच इंश्योरेंस कंपनी ने की तब अक्षय की पूरी पोल खुल गई. इंश्योरेंस कंपनी ने जांच में पाया कि अक्षय के सारे कागजात फर्जी हैं. इस मामले को लेकर कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी विशाल काटकर ने आपत्ति जताते हुए पुलिस में अक्षय के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
इस दौरान निजी कंपनी को पेश किए कागजातों की जांच करते हुए पुलिस ने भी पाया कि अक्षय के सारे दस्तावेज फर्जी हैं. इस आधार पर अक्षय ने शहर के यूनिक, ओ.एन.पी लीला, ऑनेक्स और सिटी केयर जैसे प्रतिष्ठित अस्पतालों में सालों तक डॉक्टर के पद पर नौकरी करते हुए कई सारे मरीजों का इलाज भी किया था. पुलिस का कहना है कि अक्षय ने बिना किसी मेडिकल सर्टिफिकेट के मरीजों का इलाज किया है. इस दौरान उसके इलाज से अगर किसी की मौत हुई होगी तो अक्षय के खिलाफ और भी गंभीर रूप की धाराएं दर्ज कराई जाएंगी. पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है.