वाराणसी में एसटीएफ ने एक शातिर बहुरुपिया राजवीर सिंह उर्फ आनंद कुमार को गिरफ्तार किया है। उसने खुद को डिप्टी एसपी बातकर शादी की और सेना अधिकारी बनकर कई युवाओं से आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी की। आनन्द कुमार उर्फ राजवीर सिंह रघुवंशी वाराणसी के ही शिवपुर कोट का रहने वाला है। कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के वाराणसी़ एवं इसके आस-पास के जनपदों में आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर एक गिरोह के सक्रिय होने का इनपुट 'मिलिट्री इंटेलीजेंस (एमआई) वाराणसी को मिला था। इस बारे में एसटीएफ फील्ड इकाई, वाराणसी को अभिसूचना संकलन और कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया था।
एसटीएफ फील्ड इकाई वाराणसी ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि एक राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार नाम का व्यक्ति है, जो अपने को आर्मी का फर्जी कैप्टन बताकर भर्ती कराने के नाम पर व आर्मी कैण्टीन में सामान निकलवाने के नाम पर ठगी करता है। वह ओएलएक्स के माध्यम से सामान बेचने के बहाने से लोगों को विश्वास दिलाने के लिए वह आर्मी की वर्दी पहन कर कैप्टन के रूप में अपनी जान पहचान बढ़ाता है। मंगलवार को सूचना मिली कि राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार कैप्टन की वर्दी में थाना कैण्ट क्षेत्रान्तर्गत सेण्ट मेरी स्कूल के पास खड़ा है और कुछ लड़कों को आर्मी में भर्ती के नाम पर बुलाया है। सूचना पर निरीक्षक अनिल सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ वाराणसी टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार राजवीर से पूछताछ में पता चला कि वह एलएलबी तृतीय सेमेस्टर का छात्र है। वर्ष 2008 में आर्मी में सिपाही की भर्ती के लिये प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुआ था। इसके बाद इसके द्वारा बेरोजगार युवकों को आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने की योजना बनायी। इसके द्वारा अपनी योजना के मुताबिक पहले आर्मी कैप्टन की वर्दी बनवायी गयी और अपने आस-पास के लोगों को विश्वास दिलाया गया कि वह आर्मी में कैप्टन है।
इसके बाद राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार का अमरनाथ यादव निवासी भिटारी थाना लोहता जनपद वाराणसी से मुलाकात हुई और अपने को कैप्टन बताते हुये आर्मी में भर्ती कराने की बात कही गयी। अमरनाथ यादव एवं अभ्यर्थियों को विश्वास दिलाने के लिये आर्मी कैप्टन की वर्दी पहन कर अमरनाथ यादव के घर मुलाकात की और आर्मी में भर्ती के नाम पर सात लोगों से चौदह लाख रूपये की ठगी कर लिया। इसी तरह सुधाकर वर्मा, रजनीश और दिव्या से दस लाख रूपये आर्मी में भर्ती के नाम पर ले लिया। राजवीर सिंह उर्फ आनन्द ने अजय कुमार से डेढ लाख रूपये मिलिट्री कैण्टीन से सामान निकालने के नाम पर भी ठगी की। इसकी पत्नी एवं आस-पास के लोगों को इसके फर्जी आर्मी कैप्टन होने का संदेह होने लगा।
वर्ष-2020 में पीसीएस-2017 का परिणाम आया था। इसमें आनन्द कुमार निवासी लंका वाराणसी नामक व्यक्ति का 62वीं रैंक आया था और इनका चयन डिप्टी एसपी के पद पर हुआ था। इसकी जानकारी होने पर राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार ने अपने नाम का फायदा उठाकर समाचार पत्र के कार्यालय में जाकर अपना फोटो व पता देकर समाचार छपवाया कि उसकी डिप्टी एसपी के पद पर नियुक्ति हुई है। इसके उपरान्त यह आर्मी कैप्टन एवं डिप्टी एसपी के रूप में ठगी करने का प्रयास करने लगा।
वर्ष 2015 में इसने ओएलएक्स ऐप पर आर्मी का लोगो लगाकर अपनी आईडी बनायी थी और अपना एक सोनी कम्पनी के मोबाइल फोन को बेचने के लिये ओएलएक्स पर डाला था। इस मोबाइल फोन को खरीदने के लिये एक लड़की द्वारा रिक्वेस्ट भेजा गया। इस पर राजीवर सिंह उर्फ आनन्द कुमार ने उसको सिगरा स्थित बाटा शू के शोरूम पर बुलाया गया और वहां आर्मी कैप्टन के वर्दी में उस लड़की से मिला और अपनी नियुक्ति 39 जीटीसी कैण्टोमेण्ट वाराणसी मे होना और मूल निवासी हैदराबाद का बताया। इसके बाद दोनों में जान पहचान हुई और बाद में राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार ने उसको धोखे में रखकर उससे शादी कर ली। इस धोखे की बात संज्ञान में आने पर उसके पत्नी द्वारा थाना लोहता पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया। राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार आज ठगी की मंशा से कैण्टोमेण्ट एरिया कुछ लोगों से मिलने के लिये आया था कि गिरफ्तार कर लिया गया।
एसटीएफ को उसके पास से दो मोबाइल फोन, तीन आर्मी भर्ती का फर्जी एडमिट कार्ड और लिफाफा, एक फर्जी डीएल, एक आर्मी कैप्टन की वर्दी, 5000 हजार रुपया नगद रूपया, एक मोटरसाइकिल, एक आधार कार्ड, दो कैप्टन की वर्दी में खिंचवाया गया फोटो, एक अदद फर्जी तरीके से डिप्टी एसपी के पद पर चयन की पेपर कटिंग, एक आर्मी की वर्दी, तीन अदद आर्मी का लोगो और पांच मुहर बरामद की गई है.