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मुश्किलें बढ़ीं! फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर केस, वकील ने किया बड़ा दावा, जानें सब कुछ
jantaserishta.com
2 July 2022 7:25 AM GMT
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न्यूज़ क्रडिट: आजतक | इमेज क्रेडिट: ANI
नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला कोर्ट में शनिवार को फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की. उधर, जुबैर की ओर पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, दिल्ली पुलिस को इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जुबैर को गिरफ्तार कर न्यायपालिका का मजाक उड़ाया.
जुबैर की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान उनकी वकील वृंदा ग्रोवर ने दलील दी कि दिल्ली पुलिस ने मोबाइल और हार्ड डिस्क जप्त कर लिया है लेकिन अभी दिल्ली पुलिस को इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं. केवल दिल्ली पुलिस इस मामले को लंबा खींचना चाहती है. ये मामला पुलिस गलत मंशा से चला रही है.
दिल्ली पुलिस ने भी इसके जवाब में कहा कि जुबैर जब पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस के दफ्तर अपना फोन लेकर आया था. जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि वह उस दिन से पहले एक और सिम इस्तेमाल कर रहा था. नोटिस मिलने पर उसने उसे निकाल कर नए मोबाइल में डाल दिया.
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा कि आप खुद देखें कि वह व्यक्ति ( जुबैर) कितना चतुर और शातिर है. वृंदा ग्रोवर ने जुबैर की ओर से कहा कि क्या अपना मोबाइल फोन या सिम कार्ड बदलना अपराध है? क्या मेरे फोन को रिफॉर्मेट करना अपराध है? या फिर चालाक होना गुनाह है.
वृंदा ग्रोवर ने कहा, इनमें से कोई भी दंड संहिता के तहत अपराध नहीं है. यदि आप किसी को पसंद नहीं करते हैं, तो कोई बात नहीं, लेकिन आप चालाक आदमी पर इस तरह आरोप नहीं लगा सकते हैं. ये जांच के नाम पर जबरिया फंसाने वाली चाल है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि अभी इस मामले में जांच चल रही है. जैसे जैसे तथ्य मिल रहे हैं नई नई चीजें जुड़ रही हैं. अभी इसमें 35 एफसीआरए की धारा भी जोड़ी गई है. क्योंकि यदि आप गुपचुप तैर पर विदेश के किसी व्यक्ति से कुछ दान आदि स्वीकार करते हैं तो यह विदेशी मुद्रा विनिमय कानून का उल्लंघन है. सीडीआर विश्लेषण के अनुसार, इसने पाकिस्तान, सीरिया आदि से रेजर गेटवे के माध्यम से फंड स्वीकार किया है इन सभी चीजों की आगे की जांच की आवश्यकता है.
दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश वकील ने कहा कि इस मामले में अभी जांच चल रही है और जरूरत पड़ने पर दिल्ली पुलिस जुबैर की दोबारा कस्टडी भी ले सकती है और कस्टडी के लिए दिल्ली पुलिस कोर्ट में एप्लीकेशन भी दाखिल कर सकती है.
जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि दिल्ली पुलिस कि यह सारी कहानी मनगढ़ंत है. यह पूरी कहानी साल 2018 की है. वह भी एक पुराने ट्वीट का मामला है और दिल्ली पुलिस उस मामले को लेकर कहीं और ले जा रही है. दिल्ली पुलिस ने जिस तरह जुबैर को गिरफ्तार किया है. ऐसे में कोर्ट द्वारा किसी भी अपराधी को गिरफ्तार करने के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया है. दिल्ली पुलिस ने जुबैर को गिरफ्तार करके न्यायपालिका के नियमों का भी मजाक उड़ाया है.
ग्रोवर ने दिल्ली पुलिस द्वारा जब्त किए गए सामान की जानकारी कोर्ट को देते हुए कहा कि पुलिस मेरे (जुबैर) द्वारा जनवरी 2022 में मेरे द्वारा खरीदे गए फोन का टैक्स इनवॉयस लेते हैं. जहां तक मुझे पता है, मोबाइल फोन खरीदने पर कोई अपराध नहीं है. यह कैसे संदेहास्पद है कम से कम मेरे लिए चौंकाने वाला है.
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