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रंगदारी मामला: 2 दबोचे गए, हुआ ये बड़ा खुलासा

jantaserishta.com
8 Oct 2022 7:20 AM GMT
रंगदारी मामला: 2 दबोचे गए, हुआ ये बड़ा खुलासा
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक 

पुलिस ने बताया कि यह कॉल पाकिस्तान से करवाई गई थी.
फतेहाबाद: फतेहाबाद के टोहाना में गोल्डी बराड़ के नाम से WhatsApp पर आई विदेशी कॉल के जरिये केमिस्ट से 12 लाख रुपए की रंगदारी मांगने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस ने बताया कि यह कॉल पाकिस्तान से करवाई गई थी. जिन बैंक खातों में पैसे मंगवाए गए वो मुंबई ब्रांच के हैं. साथ ही इस मामले में पुलिस ने बिहार से 2 लोगों को गिरफ्तार किया है.
दरअसल, टोहाना में केमिस्ट अमित जैन से WhatsApp कॉल के जरिए 12 लाख की रंगदारी मांगी गई थी. यह कॉल गोल्डी बराड़ के नाम से की गई थी. कॉल में कहा गया, ''गोल्डी बराड़ बोल रहा हूं. मुझे 12 लाख रुपये भेजो नहीं तो जान से हाथ धोना पड़ेगा.''
अब इस पूरे मामले में पाकिस्तान टू मुंबई होते हुए बिहार का कनेक्शन सामने आया है. रंगदारी मांगने के आरोप में बिहार से पुलिस ने जीजा-साले को गिरफ्तार किया है.
हिसार एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने बिहार के पश्चिमी चम्पारण के भरारी निवासी इमरान आलम (जीजा) और इसके साले बथाना निवासी पप्पू रहमान को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में जीजा-साले ने कबूला है कि रंगदारी मांगने में उनकी संलिप्ता है. उन्हें पंजाबी भाषा का ज्ञान नहीं था और गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के नाम से रंगदारी मांगनी थी. इसलिए पहले उन्होंने रेंडमली नंबर का चयन किया जो कि केमिस्ट अमित जैन का निकला.
इससे 12 लाख की रंगदारी मांगने के लिए दोनों ने पाकिस्तान के मुलतान में बैठे परिचित से संपर्क किया. उसने 2 नंबरों से केमिस्ट को कॉल करके खुद को गैंगस्टर गोल्डी बराड़ बताया. उसने पंजाबी भाषा में बात करते हुए रंगदारी मांगी.
धमकी भरे कॉल और मैसेज आने पर केमिस्ट ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई. 27 सितंबर को टोहाना में केमिस्ट अमित जैन ने केस दर्ज करवाया, जिसके बाद एसटीएफ हिसार को केस ट्रेस की जिम्मेदारी सौंपी गई. एसटीएफ को लीड मिली थी कि आरोपियों के मोबाइल नंबर और खाते मुंबई में एक्टिव हैं. टीम ने मुंबई पहुंचकर टावर लोकेशन लेकर उन तक पहुंचने का प्रयास किया. लेकिन भीड़ का फायदा उठाकर दोनों फरार हो गए.
फिर दोनों की लोकेशन भिवंडी में पाई गई. टीम पीछा करते हुए भिवंडी पहुंची. लेकिन तब तक आरोपी फ्लाइट में बैठकर बिहार के पश्चिमी चम्पारण चले गए. ऐसे में इन्हें पकड़ने के लिए पीछा करते हुए एक टीम फ्लाइट, दूसरी टीम बाय रोड और एक अन्य टीम बिहार में पहले से ही एक्टिव कर दी गई. यहां लोकेशन के आधार पर जीजा-साले को पकड़ लिया गया. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने गुनाह कबूल लिया. उन्होंने बताया कि मुलतान से जिस शख्स ने WhatsApp कॉल की थी, उसने DP पर गोल्डी बराड़ की ही फोटो लगाई थी, ताकि किसी को शक ना हो.
डीएसपी ललित कुमार ने बताया कि ये लोग बार-बार WhatsApp पर ही कॉल कर रहे थे ताकि इनकी लोकेशन ट्रेस ना हो सके. लेकिन पुलिस ने केमेस्ट को मोबाइल डाटा बंद करने को कहा ताकि वे लोग निजी नंबर से उन्हें कॉल करें और वे पकड़े जा सकें. हुआ भी कुछ ऐसा ही. आरोपी पुलिस के जाल में फंस गए और उनके नंबरों की बदौलत ही वे सलाखों के पीछे आ सके.
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