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विदेश मंत्री जयशंकर की 3 दिवसीय फ्रांस यात्रा शुरू, इंडो-पैसिफिक में सहयोग के लिए यूरोपीय संघ के मंत्रिस्तरीय मंच में लेंगे हिस्सा
Deepa Sahu
20 Feb 2022 6:20 PM GMT
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार (20 फरवरी) को फ्रांस की अपनी तीन दिवसीय यात्रा शुरू की है।
नई दिल्ली, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार (20 फरवरी) को फ्रांस की अपनी तीन दिवसीय यात्रा शुरू की है। इस दौरान वह क्षेत्र में चीनी मुखरता के बीच भारत-प्रशांत में सहयोग के लिए यूरोपीय संघ के मंत्रिस्तरीय मंच में भाग लेंगे। अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर अपने फ्रांसीसी समकक्ष ज्यां-यवेस ले ड्रियन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
जयशंकर 22 फरवरी को इंडो-पैसिफिक में सहयोग के लिए यूरोपीय संघ के मंत्रिस्तरीय फोरम में भाग लेंगे, जो यूरोपीय परिषद के फ्रेंच प्रेसीडेंसी की एक पहल है। विदेश मंत्री फोरम के इतर यूरोपीय संघ और अन्य हिंद-प्रशांत देशों के समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। वह फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस (आइएफआरआइ) को भी संबोधित करेंगे।
EAM Dr. S. Jaishankar has begun his 3-day visit to France; he will attend the EU Ministerial forum for cooperation in the Indo-Pacific & hold bilateral meetings with French EAM Jean-Yves Le Drian & French Armed Forces Minister Florence Parly, during his visit pic.twitter.com/rxGSXyp5cc
— ANI (@ANI) February 20, 2022
चीन ने दक्षिण चीन सागर में 3,200 एकड़ कृत्रिम भूमि का किया निर्माण
इस बीच, चीन ने दक्षिण चीन सागर में 3,200 एकड़ कृत्रिम भूमि का निर्माण किया है। लड़ाकू जेट और बड़े वाणिज्यिक विमानों को उतारने की क्षमता के साथ एक हवाई पट्टी बनाई है। जिसमें 72 लड़ाकू जेट हैंगर बनाए हैं, और फिएरी क्रास, सुबी पर 10-12 बड़े विमानों को चालू किया है। साथ ही चीन ने पैरासेल द्वीप समूह के वुडी द्वीप में सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। इन कृत्रिम द्वीपों का निर्माण 1982 के समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें चीन भी एक हस्ताक्षरकर्ता है।गौरतलब है कि जयशंकर ने जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) 2022 में भाग लिया और यूरोप, एशिया और दुनिया के अन्य हिस्सों के मंत्रियों के साथ कई बैठकें की, उसके बाद यह यात्रा हुई है।
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