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कोरोना के मामले बढ़ने के बाद मुंबई से आगे दिल्ली, हालात देख विशेषज्ञ भी हुए हैरान

Deepa Sahu
15 April 2021 3:04 PM GMT
कोरोना के मामले बढ़ने के बाद मुंबई से आगे दिल्ली, हालात देख विशेषज्ञ भी हुए हैरान
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वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की चौथी लहर का सामना कर रही

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की चौथी लहर का सामना कर रही दिल्ली ने रोजाना के नए मामलों के लिहाज से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को भी पीछे छोड़ दिया है। दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के 17,000 से अधिक मामले सामने आने के बाद यह सबसे ज्यादा प्रभावित शहर बन गया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई में अब तक एक दिन में सर्वाधिक 11,163 मामले चार अप्रैल को दर्ज किए गए थे। बुधवार को, बेंगलुरु में संक्रमण के 8,155 और चेन्नई में 2,564 मामले सामने आए जो शहर के रोजाना के अब तक के मामलों में सबसे ज्यादा है। पुणे में वैश्विक महामारी शुरू होने के बाद से सबसे ज्यादा 12,494 मामले चार अप्रैल को दर्ज हुए थे।स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के 17,282 नए मामले सामने आए थे जो कोरोना वायरस प्रकोप शुरू होने के बाद से सबसे ज्यादा हैं, जबकि 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इस तरह से रोज के मामलों के लिहाज से दिल्ली बड़े अंतर के साथ मुंबई से ऊपर आ गई है।

पिछले कुछ दिनों में मामलों के अभूतपूर्व बढ़ने से डॉक्टर और विशेषज्ञ भी चकरा गए हैं। इनमें से कुछ मान रहे हैं कि वायरस के स्वरूप में बदलाव हुआ है और उन्होंने इसके कई प्रकार होने की कल्पना भी की है जिनमें से कुछ प्रकार अन्य की तुलना में बहुत ज्यादा संक्रामक बताए जा रहे हैं। अपोलो अस्पताल में वरिष्ठ कंसल्टेंट सुरनजीत चटर्जी ने कहा कि दिल्ली में पूरी तरह से अफरा-तफरी मची हुई है, जवान हो या बूढ़े, टीका लगा हो या न लगा हो, वायरस सबको प्रभावित कर रहा है। दिल्ली की स्थिति डरावनी है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली में 104 और मरीजों की मौत हुई जिसके बाद मृतकों की संख्या 11,540 हो गई है। बुलेटिन में कहा गया कि संक्रमण के यह नए मामले मंगलवार को हुई रिकॉर्ड 1.08 लाख जांचों में सामने आए जिसके बाद संक्रमण की दर 15.92 प्रतिशत हो गई जो अब तक की सबसे अधिक दर है। दिल्ली में वैश्विक महामारी की तीसरी लहर तक एक दिन के सर्वाधिक मामले 8,593 थे जो 11 नवंबर, 2020 को दर्ज किए गए थे, जबकि 18 नवंबर को कोविड-19 से अब तक की सबसे ज्यादा 131 मौतें हुईं थी।
दिल्ली में हालात काबू करने के लिए वीकेंड कर्फ्यू लगाया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए वीकेंड कर्फ्यू लगाने समेत कई पाबंदियों की गुरुवार को घोषणा की। इस दौरान मॉल, जिम, स्पा और ऑडिटोरियम बंद रहेंगे। दिल्ली में बुधवार को एक दिन में सर्वाधिक 17,282 नए मामले सामने आने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि रेस्तरांओं के भीतर बैठकर खाना खाने की अनुमति नहीं होगी और सिनेमाघर में भी केवल 30 प्रतिशत दर्शक ही जा सकेंगे। सरकार पहले ही 30 अप्रैल तक दिल्ली में रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू कर चुकी है।
केजरीवाल ने कहा कि वीकेंड कर्फ्यू के दौरान आवश्यक सेवाएं और शादियां प्रभावित नहीं होंगे और विवाह कार्यक्रमों में शामिल होने वालों को पास जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अस्पताल, रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा जाने वालों को भी पास जारी किए जाएंगे। केजरीवाल ने कहा कि वीकेंड कर्फ्यू लागू करने का कारण यह है कि इन दिनों में लोग सैर-सपाटा और ऐसी अन्य गतिविधियों में शामिल होते हैं। बिना किसी खास परेशानी के इनके बगैर रहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना का चक्र को तोड़ने और लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए वीकेंड कर्फ्यू लगाया जा रहा है। हम अस्पताल, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डों जैसी आवश्यक सेवाओं में शामिल लोगों और शादी करने वालों को असुविधा नहीं होने देंगे। हम उन्हें बिना देरी और आराम से आवाजाही करने देने के लिए पास जारी करेंगे।
अस्पतालों में बेड्स की कमी नहीं
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अस्पतालों में बेड्स की कमी नहीं है और कोविड मरीजों के लिए अब भी 5,000 बेड उपलब्ध हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि बड़े पैमाने पर बेड्स उपलब्ध कराने के लिए प्रयास जारी हैं। केजरीवाल ने घोषणा की कि राजधानी में रेस्तरांओं को खाना घर पहुंचाने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही कहा कि एक क्षेत्र में प्रतिदिन केवल एक ही साप्ताहिक बाजार लगाने की अनुमति होगी तथा कार्यक्रम में शामिल होने की इजाजत पाने वालों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कदम भी उठाए जाएंगे। केजरीवाल ने कहा कि सरकार कोविड संबंधी व्यवहार जैसे मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाना आदि को सख्ती से लागू करना सुनिश्चित करेगी क्योंकि कुछ लोग अब भी इसका पालन नहीं कर रहे हैं।


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