
घर और परिवार का बचा हुआ समेटते हुए जब नूर अली से पूछा गया कि सोमवार की रात को आखिरकार गांव में हुआ क्या था? इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, कल रात को क्या हुआ, कैसे हुए इसके बारे में मुझे कुछ भी नहीं पता है मैं तो अस्पताल में था.
नूर अली के साथ ही भादू शेख के दूर के रिश्तेदार खैरुल भी परिवार को गांव से बाहर निकलने में मदद कर रहे हैं. खैरुल ने अपने परिवार की दुर्दशा के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने बताया कि वह इस गांव में नहीं रहते हैं, वह सिर्फ परिवार को यहां से निकलने में मदद करने के लिए बाहर आए हैं.
कंधों पर परिवार के लोगों का सामान उठाए खैरुल ने कहा, 'हम अपनी जान बचाने के लिए जा रहे हैं. पुलिस ने हमें जाने के लिए कहा है. इन सबके पीछे तृणमूल कांग्रेस के भीतर एक प्रतिद्वंद्वी धड़े का हाथ है. कल रात को जो कुछ भी हुआ उसे रोकने के लिए पुलिस कुछ भी नहीं कर पाई.'
बता दें कि बीरभूम में हुई इस घटना के बाद बीजेपी ने सीबीआई जांच की मांग की है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA on Birbhum Violence) ने इस मामले में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee Govt) से रिपोर्ट मांगी है. इसके अलावा जल्द ही केंद्र की एक फैक्ट फाइंडिंड टीम भी घटनास्थल का दौरा करेगी. वहीं, बीजेपी ने इस घटना पर एक 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी जल्द ही हिंसाग्रस्त क्षेत्र का दौरा करेगी और एक रिपोर्ट बनाएगी. बीजेपी की 5 सदस्यीय कमेटी रिपोर्ट बनाने के बाद इसे जेपी नड्डा को सौंपेगी.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बताया जंगल राज
वहीं, इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल में राजनीति तेज हो गई है. टीएमसी नेता की हत्या के बाद हुई हिंसा में 8 लोगों के जिंदा जलाए जाने पर गवर्नर जगदीप धनखड़ ने दुख जताया है. इसके साथ ही राज्यपाल ने बंगाल सरकार पर भी निशाना साधा है.अपना एक वीडियो ट्वीट करते हुए जगदीप धनखड़ ने लिखा, 'भयानक हिंसा और आगजनी की घटना से संकेत मिलता है कि राज्य हिंसा की संस्कृति और जंगलराज के हवाले है. इस बारे में चीफ सेक्रेटरी से मैंने रिपोर्ट तलब की है. मेरी संवेदनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं.' जहां एक ओर राज्यपाल ने इस घटना पर बयान जारी करते हुए कहा कि बंगाल हिंसा और अराजकता की संस्कृति की चपेट में है. वहीं ममता बनर्जी ने खत में कहा कि राज्यपाल ऐसे बयान ना दें जिससे दूसरे दलों को सरकार को धमकाने के लिए समर्थन मिले. गवर्नर को संबोधित पत्र में सीएम ममता बनर्जी ने लिखा है, 'आपकी बातों और बयानों का राजनीतिक स्वर होता है, जो सरकार को धमकाने के लिए अन्य राजनीतिक दलों को समर्थन मुहैया कराते हैं.'
वहीं, इस मामले में बच्चों को ज़िंदा जलाए जाने की घटना पर संज्ञान लेते हुए NCPCR ने पुलिस अधीक्षक वीरभूम और डीजीपी को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है. इसके साथ ही राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एसपी बीरभूम से घटना की जांच करने और 3 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है.
