आबकारी नीति : व्यवसायी समीर महेंद्रू को चिकित्सा आधार पर मिली अंतरिम जमानत
कोर्ट ने कहा कि हर व्यक्ति को अपना पर्याप्त और प्रभावी इलाज कराने का अधिकार है। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, तथ्य यह है कि याचिकाकर्ता बैठने में असमर्थ है, आगे झुकने में सक्षम नहीं है और यहां तक कि कोई वजन उठाने में भी सक्षम नहीं है, उपचार नहीं कराने पर याचिकाकर्ता को न्यूरोलॉजिकल क्षति हो सकती है। हालांकि, जस्टिस सिंह ने आरोपी को अस्पताल अपने घर और देश की सीमा से बाहर नहीं जाने जैसी कुछ शर्ते लगाईं। उन्होंने कहा कि अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद 25 जुलाई को शाम 5 बजे से पहले वह ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करेगा।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि महेंद्रू की हालत स्थिर पाई गई है और उनका दर्द काफी कम हो गया है और इस तरह वह मेडिकल जमानत पर बढ़ने के हकदार नहीं हैं। इससे पहले, ईडी ने आरोप लगाया था कि महेंद्रू किंगपिन है, जिसके चारों ओर पूरी आपराधिक साजिश विकसित हुई और वह कार्टेल की स्थापना और किकबैक राशि के पुनर्भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक था। महेंद्रू के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भी चार्जशीट दाखिल की है।