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चॉकलेट को लेकर आबकारी विभाग ने की छापेमारी, घर में रखे है तो आपकी भी हो सकती है गिरफ्तारी

Nilmani Pal
2 Sep 2021 4:29 PM GMT
चॉकलेट को लेकर आबकारी विभाग ने की छापेमारी, घर में रखे है तो आपकी भी हो सकती है गिरफ्तारी
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मुंबई। महाराष्ट्र में वैसे तो शराब पीने और घर में रखने पर कोई पाबंदी नहीं है. लेकिन अगर आप शराब से बनी चॉकलेट (Liquor Chocolates) घर में रखते हैं या फिर बनाते हैं तो फिर आपकी गिरफ्तारी भी हो सकती है. हर साल महाराष्ट्र पुलिस ऐसे ही कई किलो शराब से बने चॉकलेट जब्त करती है. राज्य के आबकारी विभाग ने पिछले हफ्ते मुंबई और उसके आसपास के इलाकों से 46.5 किलोग्राम वजन की आयातित शराब चॉकलेट जब्त की. इसकी कीमत 4.31 लाख बताई जा रही है.

अधिकारियों के मुताबिक महाराष्ट्र में मौजूदा राज्य उत्पाद शुल्क और शराबबंदी व्यवस्था में अल्कोहल युक्त चॉकलेट के निर्माण, बिक्री और रखने की अनुमति नहीं है. दरअसल ऐसा करने से इस बात का खतरा बना रहता है कि कहीं इसका इस्तेमाल नाबालिग न कर लें.

23 अगस्त 2021 को एक गुप्त सूचना के आधार पर आबकारी विभाग के इंसपेक्टर संतोष जगदाले और प्रसाद सस्तूरकर की टीम ने एक दुकान पर छापा मारा. यहां शराब वाले चॉकलेट डेनमार्क से आयात किए गए थे. और ये यहां बेची जा रही थीं. इनमें से कुछ चॉकलेट को 187 ग्राम वजन के 12 टुकड़ों को 1,650 रुपये की कीमत पर बेचा जा रहा है. कुल 175 पैकेट जब्त किए गए और एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया. इस मामले में 25 अगस्त को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी. कोर्ट ने आरोपी पर 75,000 रुपये का जुर्माना लगाया था. महाराष्ट्र में शराब युक्त चॉकलेट को जब्त करने के लिए समय-समय पर कार्रवाई होती रहती है. दिसंबर 2019 में एक भीड़-भाड़ वाले मार्केट में इसी तरह की छापेमारी में 18,000 रुपये की शराब की चॉकलेट जब्त की गई थी. साल 2012 में वर्ली में एक 53 साल के चॉकलेट व्यवसायी प्रीति चंद्रयानी पर राज्य के आबकारी विभाग ने घर पर शराब युक्त चॉकलेट बनाने के लिए छापा मारा और हिरासत में लिया था. चंद्रयानी को बिना परमिट के लगभग 20 बोतल शराब और चॉकलेट के डिब्बे रखने के आरोप में हिरासत में लिया गया था.

विशेष परमिट और लाइसेंस नियम, 1952 में शराब चॉकलेट के निर्माण का प्रावधान था. 1980 के दशक के मध्य में इसके लिए एक नीति बनाने पर विचार किया गया था. हालांकि बाद में इसे टाल दिया गया. महाराष्ट्र में 1949 से 1960 के दशक तक शराबबंदी लागू थी. जिसके कारण राज्य में अवैध शराब की तस्करी होने लगी. हालांकि शराब की खपत पर प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दी गई. कानूनी तौर पर, किसी को शराब रखने और उपभोग करने के लिए परमिट की आवश्यकता होती है. भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) पीने की कानूनी उम्र 25 वर्ष है, जबकि हल्की शराब जैसी बीयर के लिए 21 वर्ष है. सालाना या आजीवन परमिट रखने से लोगों को हर महीने 12 यूनिट अल्कोहल (एक यूनिट में 1,000 एमएल आईएमएफएल या देशी शराब, 1,500 एमएल वाइन और 2,600 एमएल बीयर शामिल है) का स्टॉक करने की अनुमति मिलती है. धारा 65(e) के तहत शऱाब रखने की पाबंदी है.


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