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त्याग की मिसाल: 10 लाख सालाना पैकेज छोड़कर वैराग्य मार्ग अपनाया, जानिए युवा CA के बारे में...
jantaserishta.com
22 Feb 2022 12:58 PM GMT
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ग्वालियर: इंदौर स्थित मल्टी नेशनल कंपनी में चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमित जैन ने अब वैराग्य मार्ग अपना लिया है। गुना के रहने वाले सुमित ने कुंडलपुर में दीक्षा ली। इस दौरान उनके परिवार के सदस्य भी मौजूद थे। दीक्षा लेने के बाद अब सुमित क्षुल्लक मंथनसागर महाराज कहे जाएंगे।
29 वर्षीय सुमित जैन गुना के रहने वाले गल्ला व्यापारी सुरेश चंद्र जैन के बेटे हैं। पिता ने बताया कि सुमित जैन ने गुना जिले में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी। इसके बाद इंदौर से सीए की पढ़ाई की। पढ़ाई के बाद उनकी एक मल्टीनेशन कंपनी में जॉब लग गई थी। यहां पर उनकी सैलरी 10 लाख रुपए सालाना थी। इंदौर में काम करने के दौरान वह आचार्यश्री के सान्निध्य में आ गए।
साल 2018 में ही उन्होंने ब्रह्मचर्य का व्रत ले लिया था। इसके बाद कुंडलपुर तीर्थ पर आचार्य विद्यासागर महाराज के सान्निध्य में चल रहे पंचकल्याणक महामहोत्सव में उन्हें क्षुल्लक दीक्षा दी। दीक्षा के पूर्व दीक्षार्थियों की बिनौली, बारात आदि के कार्यक्रम हुए।आचार्य ने दीक्षार्थियों का क्षुल्लक नामकरण किया। इस मौके पर सभी दीक्षार्थियों को कमंड, भोजन पात्र एवं शास्त्र भेंट किए गए। दीक्षा के बाद सुमित जैन का नाम क्षुल्लक मंथनसागर महाराज हुआ।
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