राजस्थान के जोधपुर में कभी सूरजमल, कभी रमेश, तो कभी आशीष राज के नाम से लोगों को वीआईपी नंबर का सिम देने का झांसा देकर छोटी-छोटी ठगी करने वाला आशीष आखिरकार सरदारपुरा पुलिस के हत्थे चढ़ गया. सितंबर महीने में रमेश चंद जैन के खिलाफ सरदारपुरा थाने में मानाराम विश्नोई ने मामला दर्ज करवाया था, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले की पड़ताल शुरू की.
दूसरी और आशीषराज अपने काम में लगा हुआ था. उसे बिलकुल अंदाजा नहीं था कि पुलिस उसके पीछे थी. पुलिस के मुताबिक, आरोपी आशीष राज एक मोबाइल ऑपरेटर कंपनी में काम कर चुका था तो उसे इस बाजार की जानकारी थी. ऐसे में वह सावधानी से लोगों को अलग-अलग खाता नंबर देकर प्रत्येक वीआईपी नंबर के लिए 9,800 रुपये जमा करवाता था. इसके अलावा 1764 रुपये जीएसटी के अलग से लेता था. सरदारपुरा थाना अधिकारी हनुमान सिंह चौधरी ने बताया कि आरोपी ने पुलिस को बहुत चकमा दिया. वह हर जगह अलग अलग नाम और पता बताता रहा. पकड़ में आने के बाद उससे पूछताछ हुई तो पूरा सच सामने आ गया. उसके फोन में 3 व्हाट्सएप पर अकाउंट मिले हैं जिनमें अलग-अलग नंबरों को मैसेज करता था. दूसरे लोगों का प्रोफाइल फोटो अपने नंबर पर लगाकर रखता था, जिससे उसे कोई पहचान ना सके.
पुलिस थाना जोधपुर के थानाधिकारी हनुमान सिंह चौधरी का कहना है कि लोगों को जो वीआईपी नंबर भेजता था उसके नीचे एयरटेल एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड लिखता था जिससे उस पर कोई शक नहीं करें. जोधपुर में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें वीआईपी सिम बेचने के नाम पर ठगी की गई. खास बात यह है कि 26 साल के आशीषराज ने आज तक किसी को सिम नहीं दी. अब तक वह कई लोगों को चूना लगा चुका है. आरोपी आशीषराज को लगता था कि छोटी राशि की ठगी लोग जल्दी भूल जाते हैं और 9,800 रुपये के लिए कोई पुलिस में नहीं जाएगा. लेकिन मानाराम विश्नोई की रिपोर्ट ने उसका भेद खोल दिया. इस मामले में सरदारपुरा पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.