दिल्ली। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को EWS कोटे से मिलने वाले आरक्षण को लेकर आज यानि 13 सितंबर को सुनवाई होगी। लेकिन उससे पहले आज एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल के तीन सवालों पर मुहर लगा दी है। ये तीन सवाल इस प्रकार हैं। क्या राज्य सरकारों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की शक्ति देते हुए संविधान के मूल ढांचे से छेड़छाड़ की गई है ? क्या राज्यों को निजी गैर सहायता प्राप्त संस्थानों में आरक्षण का विशेष प्रावधान सौंपना संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन है ? और क्या इस संशोधन में SEBC/OBC/SC/ST को EWS आरक्षण से बाहर करना संविधान के मूल ढांचे से छेड़छाड़ है? मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित की अगुआई वाली संविधान पीठ करेगी। हालांकि, खंडपीठ ने कहा है कि ये तीन प्रारंभिक सवाल हैं लेकिन पक्षकार अपनी दलीलों में अन्य सवाल भी शामिल कर सकते हैं।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग/EWS के उम्मीदवारों को दाखिले तथा नौकरी में दस प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 13 सितंबर, 2022 से सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बताया कि केन्द्र सरकार के फैसले की संवैधानिक वैधता के संबंध में दाखिल याचिकाओं पर 13 सितंबर से सुनवाई शुरू की जाएगी।
केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण संबंधी मामले की सुनवाई पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ करेगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी, न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट्ट, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला भी शामिल हैं।