सेना ने बुधवार को एक और मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि सेना ने MRSAM यानी मिडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. इस मिसाइल को बराक 8 के नाम से भी जाना जाता है. सूत्रों की मानें तो मिसाइल ने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को भेदा और मिशन के सभी उद्देश्यों को हासिल किया. बराक 8 को पिछले वर्ष भारतीय वायुसेना (आईएएफ) को सौंपा गया था. इस मिसाइल को इजरायल के साथ मिलकर तैयार किया गया है. इस मिसाइल को सेनाओं के लिए सबसे घातक हथियार के तौर पर बताया जा रहा है.
Barak 8 को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) और इजरायल की इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) की तरफ से मिलकर तैयार किया गया है. अगस्त 2019 में यह मिसाइल आईएएफ को मिली थी. इस मिसाइल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह सेनाओं की एयर डिफेंस क्षमताओं में इजाफा कर सके. इसकी वजह से मध्यम रेंज के उन हवाई खतरों से निबटने में सफलता हासिल हो सकेगी जो दुश्मन की तरफ से बड़ी चुनौतियों के तौर पर सामने आ रहे हैं.
क्या है MRSAM प्रोग्राम
MRSAM प्रोग्राम की शुरुआत फरवरी 2009 में हुई जब इससे जुड़ी एक डील को साइन किया गया. आईएएफ के लिए 450 ऐसी मिसाइलें खरीदी जाएंगी और दो बिलियन डॉलर की लागत से 18 फायरिंग यूनिट्स होंगी. बराक मिसाइलों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये किसी एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर्स, एंटी-शिप मिसाइलों और यूएवी को तो ध्वस्त कर ही सकती हैं साथ ही बराक में बैलेस्टिक मिसाइलों और फाइटर जेट्स को भी नष्ट करने की क्षमता है. इन मिसाइलों का समुद्र से भी लॉन्च किया जा सकता है और जमीन से भी इनकी लॉन्चिंग संभव है.
2469 किलोमीटर है स्पीड
Barak 8 की लंबाई करीब 4.5 मीटर है और इसका वजन करीब 2.7 टन है. मिसाइल करीब 60 किलोग्राम तक के हथियार ले जा सकती है और इसकी अधिकतम स्पीड 70 किलोमीटर के दायरे में करीब दो मैक यानी 2469.6 किलोमीटर प्रति घंटा है. बाद में रेंज को बढ़ाकर 70 किमी से 100 किलोमीटर कर दिया गया था. यह मिसाइल एक बार में कई टारगेट्स को नष्ट कर सकती है. इजरायल की कंपनी ने इस मिसाइल को एक एडवांस्ड, लंबी दूरी का मिसाइल डिफेंस और एक ऐसा एयर डिफेंस बताया है जो कई फीचर्स से लैस है.
नेवी के लिए भी आएगी बराक मिसाइल
आईएआई और डीआरडीओ ने जुलाई 2016 में बराक के तीन फ्लाइट टेस्ट्स किए थे और मिसाइल ने तेज गति से आते टारगेट्स को तीनों परीक्षणों मेंसफलतापूर्वक निशाना बनाया था. फरवरी 2017 में हुए एरो इंडिया शो में पहली बार इस मिसाइल को प्रदर्शित किया गया था. अप्रैल 2017 में ही सेना के लिए दो बिलियन डॉलर का करार आईएआई के साथ किया गया था. वहीं इंडियन नेवी के लिए भी मिसाइलों की मांग की गई. जनवरी 2019 में आईएआई के साथ 93 मिलियन डॉलर का एग्रीमेंट साइन किया गया था. इस करार के बाद इंडियन नेवी और कोचिन शिपयार्ड को मिसाइल का नेवल वर्जन सप्लाई करने पर रजामंदी बनी थी.
#WATCH Defence Research and Development Organisation (DRDO) today carried out the trials of the Medium Range Surface to Air missile systems developed for the Indian Army pic.twitter.com/CC6OLgaeyV
— ANI (@ANI) December 23, 2020