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सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन से पहले ही सरकार ने बताए शानदार वैकल्पिक तरीके

Nilmani Pal
1 July 2022 4:50 AM GMT
सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन से पहले ही सरकार ने बताए शानदार वैकल्पिक तरीके
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दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक जुलाई से पूरे देश में एक बड़े बदलाव का फैसला लिया है। सरकार ने एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। सरकार के इस फैसले की वजह से पैक्ड जूस, सॉफ्ट ड्रिंक्स और डेयरी प्रोडक्ट बनाने और बेचने वाली कंपनियों को तगड़ा झटका लगा है। एक जुलाई से इस प्रतिबंध के लागू होने के बाद कंपनियां प्लास्टिक स्ट्रॉ के साथ अपने प्रोडक्ट नहीं बेच पाएंगी। वहीं, केंद्र सरकार ने इसके साथ ही लोगों की सहूलियत का ध्यान रखते हुए उन्हें रोजमर्रा में शामिल हो चुके प्लास्टिक की बजाय कई ऐसी चीजों के इस्तेमाल को प्राथमिकता देने की बात कही है, जो पर्यावरण हितैषी हैं।

जल शक्ति मंत्रालय द्वारा देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप पर चाय के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कप के बजाय कुल्हड़ के इस्तेमाल पर जोर देते हुए एक पोस्ट की गई है। मंत्रालय ने अपनी पोस्ट में लिखा कि कुल्हड़ ना केवल चाय का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि यह पर्यावरण हितैषी होने के साथ आसानी से मिट्टी में मिल जाते हैं और पानी की भी बचत करते हैं। इस पोस्ट के साथ दी गई एक ग्राफिक्स में मंत्रालय ने कुल्हड़ के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए लिखा कि यह एक स्थानीय उत्पाद है, जिसे हर खाने-पीने की दुकान पर मौजूद होना चाहिए। इसका इस्तेमाल करने के कई कारण हैं, जिनमें इसका आसानी से निपटान, स्वाद बढ़ाना, प्रदूषण दूर करना और पूरी तरह भारतीय होना शामिल है।

वहीं, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा कू ऐप पर पोस्ट किए गए एक रोचक कार्टून वाले वीडियो के जरिये बताया गया है कि जिम्मेदार नागरिक बनिए। स्थानीय बाजार, मॉल या कहीं पर भी कुछ खरीदारी करने जाएं तो हमेशा अपने साथ एक थैला जरूर रखें। इसके कई फायदे हैं। यह भारी वजन उठाने में सक्षम होता है, रिसाइकिल हो जाता है, लंबे वक्त तक चलता है, पर्यावरण हितैषी होता है और पर्यावरण को बेहतर बनाने में आपका योगदान होता है। इसके चलते आप अपने बच्चों को एक बेहतर कल दे सकते हैं।

इन आइटम्स पर बैन

1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के आइटम जैसे ईयरबड्स, गुब्बारे की प्लास्टिक डंडी, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की प्लास्टिक डंडी, आइसक्रीम की प्लास्टिक डंडी, थर्मोकॉल के सजावटी सामान, प्लास्टिक की प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बे पैक करने वाली पन्नी, इनविटेशन कार्ड पर लगाई जाने वाली पन्नी, सिगरेट पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली पन्नी, 100 माइक्रोन से पतले पीवीसी व प्लास्टिक के बैनर आदि शामिल हैं।

स्पेशल एनफोर्समेंट टीमें भी रखेंगी नजर

स्पेशल एनफोर्समेंट टीमें भी बनाई जा रहीं हैं। यह टीमें अवैध निर्माण, आयात, स्टोरिंग, सेल आदि पर नजर रखेंगी। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा गया है कि वह अपने बॉर्डर पर चेक पॉइंट बनाएं ताकि प्रतिबंधित आइटम एक जगह से दूसरी जगह न जा पाएं। सीपीसीबी ने इसे लेकर एक ऐप भी लॉन्च किया है।

500 से दो हजार रुपये का जुर्माना होगा

एक जुलाई से आम लोगों पर प्रतिबंधित उत्पादों का इस्तेमाल करने पर 500 से दो हजार रुपये का जुर्माना होगा। वहीं, औद्योगिक स्तर पर इसका उत्पाद, आयात, भंडारण और बिक्री करने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंड का प्रावधान होगा। ऐसे लोगों पर 20 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर पांच साल की जेल या दोनों सजा भी दी जा सकती है। उत्पादों को सीज करना, पर्यावरण क्षति को लेकर जुर्माना लगाना, इनके उत्पादन से जुड़े उद्योगों को बंद करने जैसी कार्रवाई भी शामिल है।


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