नई दिल्ली। भारत ने 100 साल में आए सबसे बड़े संकट के समय जो सामर्थ्य दिखाया है, उसकी स्टडी करके 100 साल बाद मानवता भी खुद पर गर्व करेगी। भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण, गरीबों तक उनका हक पहुंचाने, गांव-देहात में जरूरी सुविधाओं के निर्माण से लेकर डिजिटल प्लैटफॉर्म की दिशा में वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। 2014 में सरकार बनने के बाद तय किया था कि गवर्नेंस के हर सिंगल एलिमेंट को रीइमेजिन करेंगे, रीइन्वेंट करेंगे और इस मुहिम को कामयाबी के अलग स्तर तक पहुंचाया गया है। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली में ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित हुए कही।
भारत ने दुनिया को दिखाया, आपदा को अवसरों में कैसे बदला जाता प्रधानमंत्री ने कहा कि वह 6 मार्च 2020 को बिजनेस समिट में आए थे। इन तीन वर्षों में पूरा विश्व बदल गया है, लेकिन इस दौरान भारत ने दुनिया को दिखाया है कि आपदा को अवसरों में कैसे बदला जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में ये हालात थे कि लाखों करोड़ों के घोटालों की वजह से देश की साख दांव पर लगी थी। हमने तय किया कि सरकार के हर एलिमेंट को रीइमेजिन करेंगे। आज भारत ने फिजिकल और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट का एक नया मॉडल पूरे विश्व के सामने रखा है। दुनिया की 40 पर्सेंट रीयल टाइम डिजिटल पेमेंट्स भारत में होती है। ये उन लोगों को देख के लोगों का जवाब है, जो सोचते थे कि भारत के गरीब कहां से डिजिटल पेमेंट कर पाएंगे। वेलफेयर डिलीवरी से जुड़े मसलों को रीइमेजिन किया गया। पहले गरीबों के एकाउंट, उनको प्रॉपर्टी के राइट, टॉयलेट, बिजली, क्लीन कुकिंग फ्यूल, नेट कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं समझी जाती थी और इस सोच को बदला गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले कुछ लोग गरीबी हटाओ की बातें भले करते थे, लेकिन सच्चाई यह थी कि पहले गरीबों को देश पर बोझ माना जाता था। हमारी सरकार का फोकस गरीबों को एंपावर करने पर है, ताकि वे देश की प्रगति में पूरी शक्ति के साथ योगदान दे सकें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज से चार दशक पहले तब के पीएम राजीव गांधी ने कहा था कि वेलफेयर के लिए 1 रुपये दिल्ली से भेजते हैं तो 15 पैसे मिलते हैं। हमारी सरकार अलग-अलग क्षेत्रों में डायरेक्ट स्कीम के तहत 28 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर कर चुकी है। अब एक रुपया दिल्ली से निकलता है तो 100 के 100 पैसे जरूरतमंद के पास पहुंचते हैं।
ग्रामीण इलाकों में सैनिटेशन कवरेज 100 पर्सेंट तक पहुंचा पीएम मोदी ने कहा कि कभी नेहरू जी ने कहा था कि जिस दिन हर भारतीय के पास टॉयलेट की सुविधा होगी, उस दिन हम जान जाएंगे कि देश विकास की एक नई ऊंचाई पर है। नेहरू जी को भी समस्या का पता था, लेकिन समाधान की तत्परता नजर नहीं आई। जब हमें सेवा करने का मौका मिला तो देश के ग्रामीण इलाकों में सैनिटेशन कवरेज 40 पर्सेंट से भी कम था। हमने इतने कम समय में दस करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए, स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया। आज ग्रामीण इलाकों में सैनिटेशन कवरेज 100 पर्सेंट तक पहुंच गया है, यह भी रीइमेजिन का परिणाम है।
9 साल में देश में 6 लाख किमी का ऑप्टिकल फाइबर बिछा पीएम ने कहा कि 2014 में देश में 100 से ज्यादा ऐसे जिले थे, जिन्हें बैकवर्ड समझा जाता था, लेकिन अब इन जिलों की तस्वीर बदल चुकी है। पहले इंफ्रास्ट्रक्चर की ताकत को समझा नहीं नहीं गया था। आज भारत ने इसके डिवेलपमेंट का नया मॉडल रखा है। 9 साल में देश में छह लाख किमी से ज्यादा का ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है। 2013-14 में देश का ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू 11 लाख करोड़ रुपये था जबकि 2023-24 में 33 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहने की उम्मीद है। टैक्सपेयर का नंबर बढ़ा है और सरकार ने लोगों पर विश्वास किया है। लोगों को ये विश्वास है कि उनका टैक्स का पैसा देश के विकास में लग रहा है।