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एक बच्चा ऐसा भी...छूते ही टूट जाती हैं शरीर की हड्डियां, डॉक्टर बोले- 50 हजार में से 1 बच्चे को होती है ये बीमारी

jantaserishta.com
22 March 2022 2:56 AM GMT
एक बच्चा ऐसा भी...छूते ही टूट जाती हैं शरीर की हड्डियां, डॉक्टर बोले- 50 हजार में से 1 बच्चे को होती है ये बीमारी
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शरीर जन्म से ही ऐसा है.

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (UP Aligarh) जिले के देहली गेट थाना इलाके के घुडिया बाग मोहल्ले के 12 वर्षीय रोहित को गोद में उठा लेने पर उसके शरीर की हड्डियां टूट जाती हैं. रोहित के शरीर के पार्ट्स भी टेढ़े मेढ़े हैं. शरीर जन्म से ही ऐसा है. हड्डी टूटने पर रोहित पूरी रात रोता रहता है. हालात इतने खराब होने के बावजूद रोहित अपनी परचून की दुकान पर बैठता है. हालांकि वह किसी ग्राहक को सामान नहीं दे पाता, मगर ग्राहक आने पर परिवार के किसी सदस्य को आवाज देकर बुला लेता है.

रोहित ने कहा कि मम्मी मुझे एडमिशन के लिए स्कूल ले गईं, मगर मेरा एडमिशन हो नहीं पाया. मुझे पढ़ने का बहुत शौक है. मैं पढ़ना चाहता हूं और एक अधिकारी बनना चाहता हूं. रोहित बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. रोहित ने बताया कि मुझे कोई गोद में उठा ले तो मेरी हड्डी टूट जाती है. मुझे केवल मम्मी ही उठा पाती हैं. मैं दुकान पर बैठता हूं. मम्मी घर का काम करती हैं.
वहीं रोहित की मां ने बताया कि रोहित साल 2012 में मलखान सिंह हॉस्पिटल में पैदा हुआ था. पैदा होते ही रोहित काफी रो रहा था. हम लोगों ने कई जगह इलाज कराया, इसके बावजूद कोई फायदा नहीं मिला. डॉक्टरों ने काफी प्रयास किए थे, लेकिन रोहित स्वस्थ नहीं हुआ. कई जगह से हड्डी टूटी हुई थी. गुंजाइश के अनुसार कई साल तक इलाज कराया, अब मेरे पास पैसा नहीं बचा है. छोटा-मोटा परिवार है, हम बहुत गरीब हैं. पति 200 रुपये प्रतिदिन कमाते हैं. ऐसे में कैसे गुजारा हो.
रोहित की मां ने कहा ​कि मैं बच्चे के एडमिशन के लिए भी स्कूल में गई थी. लेकिन एडमिशन नहीं हुआ. मेरी देवरानी का बेटा है, वही ट्यूशन पढ़ाता है. मैं चाहती हूं कि सरकार या कोई व्यक्ति मदद कर दे तो मेरे बेटे का इलाज हो जाए. हालांकि मैं अभी तक किसी अधिकारी और नेता के पास नहीं पहुंच पाई. एक बार पूर्व मेयर शकुंतला भारती के पास जरूर गई थी. वहीं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रदीप बंसल ने बताया है ओस्टियोजेनेसिस इंपरफेक्टा जैसी बीमारी 50 हजार बच्चों में से 1 बच्चे में पाई जाती है. इन बच्चों की आयु काफी कम होती है. ऐसे बच्चे का परिवार के लोग अच्छे से रखरखाव करें.
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