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देश में स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना शुरू की, जिसे PLI यानी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव कहते हैं. अब इस योजना के विस्तार को लेकर किये गये एक रिसर्च में कई बड़ी बातें सामने आई हैं. CRISIL मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस (MI&A) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक तीन ऐसे राज्य हैं, जो PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना के तहत किए गए अनुमानित CAPEX के सबसे बड़े हिस्सेदार होंगे.
CRISIL ने अपनी रिपोर्ट में 14 में से 9 जिन प्रमुख क्षेत्रों में शोध किया है, वे हैं- ACC बैटरी, सोलर PV, टेक्सटाइल सेक्टर, मोबाइल, फूड प्रोसेसिंग, दूरसंचार, गुड्स, आईटी हार्डवेयर और मेडिकल डिवाइसेज सेक्टर. इन क्षेत्रों में PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना के तहत देश में लाखों करोड़ निवेश होने का अनुमान है.
गुजरात में PLI CAPEX का 28% निवेश
CRISIL के शोध के मुताबिक भारत में अब तक हुए अनुमानित PLI CAPEX 2.8 लाख करोड़ का 28 फीसदी यानी 36,000 करोड़ से अधिक निवेश अकेले गुजरात में होने का अनुमान है. गुजरात में होने वाला यह PLI निवेश एडवांस केमिस्ट्री सेल (ACC) बैटरी सेक्टर में 9,000 करोड़, सोलर पीवी सेक्टर में 24,000 करोड़, टेक्सटाइल्स सेक्टर में 3,000 करोड़, और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में 500 करोड़ वर्गीकृत है.
निवेश में तमिलनाडु है पहले स्थान पर होने का अनुमान
हालांकि अनुमानित PLI CAPEX का एक तिहाई यानी 42,000 करोड़ से ज्यादा निवेश मिलने के अनुमान के साथ तमिलनाडु इस श्रेणी में पहले स्थान पर है. वहीं 28 यानी 36,000 करोड़ से अधिक अनुमानित निवेश के साथ गुजरात दूसरे स्थान पर है. जबकि 11 फीसदी यानी 14,000 करोड़ के अनुमानित निवेश के साथ कर्नाटक इस श्रेणी में तीसरे स्थान पर है. वहीं, अन्य सभी भारतीय राज्यों में कुल मिलाकर करीब 25 राज्यों की बात करें तो इन्हें इन 9 सेक्टर्स में PLI से केवल 28 फीसदी यानी 36,000 करोड़ का निवेश मिलने का अनुमान है.
सोलर PV सेक्टर में गुजरात की हिस्सेदारी 76 फीसदी की उम्मीद
देश में सोलर PV सेक्टर में हुए अनुमानित PLI CAPEX में गुजरात की हिस्सेदारी 76 फीसदी यानी 24,000 करोड़ से अधिक रहने का अनुमान है. जबकि बाकी 24 फीसदी आंध्र प्रदेश को मिलने की उम्मीद है. वहीं इन 9 क्षेत्रों में से ACC बैटरी में निवेश क्षमता का अनुमान सबसे अधिक है, जोकि 52,000 करोड़ है. इस अनुमानित निवेश क्षमता का सबसे अधिक लाभ तमिलनाडु को हो सकता है जो कि 67 फीसदी, यानी करीब 35,000 करोड़ है जबकि गुजरात और कर्नाटक को ACC बैटरी सेक्टर में 17 फीसदी यानी करीब 9,000 करोड़ मिलने का अनुमान है.
CRISIL MI & A की डायरेक्टर-रीसर्च हेतल गांधी ने PLI योजना को लेकर किए अपने रिसर्च में गुजरात के आंकड़ों के बारे में बताया-हमारा अनुमान है कि भारत में PLI योजना के अंतर्गत CAPEX अभी 2.8 लाख करोड़ रुपए है. इनमें से 1.4 लाख करोड़ रुपए के लिए लोकेशन भी फाइनल हो चुकी है. इनमें से करीब 30 फीसदी निवेश गुजरात में होने की उम्मीद है. उसके बाद तमिलनाडु और कर्नाटक में निवेश होने की उम्मीद है.
गुजरात को एनर्जी सरप्लस स्टेट होने का मिलेगा फायदा
चूंकि अधिकांश PLI सेक्टर्स को बिजली की अधिक आवश्यकता होगी. गुजरात पिछले दो दशक से एनर्जी सरप्लस स्टेट के रूप में अपनी पहचान रखता है. इसलिए गुजरात PLI सेक्टर्स की फास्ट ग्रोथ में काफी मददगार साबित हो सकता है. इतना ही नहीं कम बिजली लागत, बेहतर इन्फ्रा लॉजिस्टिक्स और तेज मंजूरी प्रक्रिया- ये कुछ ऐसे प्रमुख कारण हैं जिनके कारण PLI सेक्टर के लीडर्स ने गुजरात को चुनने का फैसला किया है.
भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात का हो रहा विकास
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात लगातार वर्तमान समय के औद्योगिक मांग के अनुसार अपनी नीतियां बना रहा है और सभी प्रकार के आवश्यक प्रशासनिक बदलाव भी कर रहा है. यहां कंपनियों को आकर्षक प्रोत्साहन भी दे रहा है. ऊपर के आंकड़े भूपेन्द्र पटेल की नीतियों की सफलता की ओर इशारे करते हैं. यही कारण है कि CRISIL की इस रिपोर्ट के मुताबिक केन्द्र की PLI योजना के तहत निवेश हासिल करने में गुजरात देश के बाकी राज्यों की तुलना में काफी आगे निकल सकता है.
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