रायबरेली के ऊंचाहार से समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडेय की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस ने पूर्व कृषि एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री मनोज पांडेय के खिलाफ शासन से खुली जांच की अनुमति मांगी है. उन पर नियम विरुद्ध अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन हथियाने का भी आरोप है. मुख्यमंत्री कार्यालय को शिकायत मिलने के बाद शासन ने मनोज के खिलाफ गोपनीय जांच के आदेश दिए थे. जांच में आरोप प्रथमदृष्ट्या सही पाए गए. इसमें विजिलेंस को मनोज के कई संदिग्ध संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली. इसी आधार पर विजिलेंस ने खुली जांच का निर्णय लिया है.
विजिलेंस अब शिकायतों से संबंधित साक्ष्य जुटाने के साथ ही मनोज पांडेय से पूछताछ भी करेगी. खुली जांच में दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा सकती है. बता दें कि रायबरेली जिले की ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज पांडेय सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. जांच के शिकंजे में फंसने वाले वह तीसरे पूर्व मंत्री हैं. इससे पहले सपा सरकार में मंत्री रहे मो. आजम खान के विरुद्ध एसआईटी व गायत्री प्रसाद प्रजापति के विरुद्ध विजिलेंस जांच की जांच चल रही है. एसआईटी जल निगम भर्ती घोटाले में मो. आजम खान को दोषी ठहरा चुकी है. उधर, गायत्री प्रजापति के विरुद्ध तो आय से अधिक संपत्ति की जांच चल रही है.