इंजीनियर बंधकों के कब्जे में, नौकरी दिलाने एजेंट ले गया था विदेश
दिल्ली/म्यांमार। म्यांमार में बंधक बनाये गये इंजीनियर सागर, उसके दो दोस्तों राहुल और अजय को छुड़ाने के लिये भारतीय दूतावास हरकत में आ गया है। उसने म्यांमार दूतावास के अफसरों से इस बारे में बुधवार को बातचीत की। इसके प्रयास शुरू हो गये हैं कि तीनों को वहां से छुड़ा कर भारत ले आया जाये। राहुल व अजय अपने घर वालों के सम्पर्क में है पर इंजीनियर सागर का कुछ पता नहीं चल रहा है। उसने बंधक बनाने वालों से साइबर अपराध में शामिल होने से इनकार कर दिया था। उसने ही वीडियो कॉल के जरिये शिकायत की थी। इसके बाद से ही उसका किसी से सम्पर्क नहीं हो सका है। परिवारीजन अनहोनी की आशंका से घबराये हुए हैं।
गुड़म्बा के आधारखेड़ा निवासी सागर चौहान को उसका दोस्त राहुल 26 मार्च को नौकरी दिलाने की बात कहकर म्यांमार ले गया था। वहां मलेशिया के एजेंट रॉबिन हुड से मुलाकात करायी और नौकरी दिलाने की बात कही थी। 28 मार्च को ही सागर ने घर वालों से सम्पर्क किया और कहा कि उसे, राहुल और बाराबंकी के दोस्त अजय को बंधक बना लिया गया है। उनसे साइबर अपराध कराया जा रहा है।
सागर को बंधक बनाने वाले से घर वालों का सम्पर्क हुआ तो उन्होंने छोड़ने के लिये भाई जोगेन्द्र से आठ लाख 14 हजार रुपये जमा करवा लिये। पांच अप्रैल के बाद से सागर का घर वालों से सम्पर्क ही नहीं हो पा रहा है। एंटी ह्यूमेन ट्रैफिकिंग यूनिट थाने के प्रभारी दशरथ ने बताया कि राहुल और अजय सम्पर्क में आ गये है। उनके पास मोबाइल है। उन दोनों ने साइबर अपराध करना स्वीकार कर लिया था। सागर ने मना कर दिया था इसलिये उसको अलग रखा गया है। सागर को कहां रखा गया और वह किस हालत में है, इस बारे में कुछ नहीं पता चल रहा है।
सागर व अजय को दिल्ली से थाईलैंड ले जाया गया था जबकि राहुल को दिल्ली से म्यांमार का हवाई टिकट दिया गया था। पर बाद में पता चला कि तीनों म्यांमार में है। अजय ने परसों वीडियो भेजा था, जिसमें बंधक बनाकर रखने की बात कही थी। एक मोबाइल उन लोगों ने छिपाकर रखा है जिससे बात कर रहे हैं। अजय के माता-पिता बेटे की सकुशल वापसी के लिये चिंता में है। मां ने कहा कि सरकार को उनके बेटे को जल्दी अपने देश वापस लाना चाहिये।