बिजली बोर्ड मुख्यालय के बाहर गरजे कर्मचारी, मांगें न मानने पर दी ये चेतावनी

शिमला। बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने प्रबंधन वर्ग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बोर्ड की बिगड़ती वित्तीय हालत को लेकर हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैट्रीसिटी बोर्ड इम्प्लाइज एंड इंजीनियर के ज्वाइंट फ्रंट के बैनर तले कर्मचारियों ने मुख्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करते हुए बोर्ड की वित्तीय बदहाली के लिए प्रबंधक वर्ग को दोषी ठहराया और बिजली …
शिमला। बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने प्रबंधन वर्ग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बोर्ड की बिगड़ती वित्तीय हालत को लेकर हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैट्रीसिटी बोर्ड इम्प्लाइज एंड इंजीनियर के ज्वाइंट फ्रंट के बैनर तले कर्मचारियों ने मुख्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करते हुए बोर्ड की वित्तीय बदहाली के लिए प्रबंधक वर्ग को दोषी ठहराया और बिजली बोर्ड में तुरन्त एक स्थायी प्रवन्ध निदेशक लगाने की मांग की है। इस अवसर पर फ्रंट के संयोजक ई. लोकेश ठाकुर व सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड पिछले 9 माह से आस्थायी प्रबंध निदेशक से चलाया जा रहा है, जिससे बोर्ड की कार्यप्रणाली बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इसके परिणामस्वरूप बोर्ड कर्मचारियों व पैंशनर्ज का वेतन व पैंशन पहली जनवरी को नहीं मिल पाई। फ्रंट के नेतृत्व ने कहा कि आज इस बिजली बोर्ड से 50 हजार परिवार जुड़े हैं और वर्तमान के प्रबंध निदेशक की कार्यप्रणाली का खमियाजा इनके परिवार को भुगतना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड की स्थिति ये है कि जनवरी माह के दूसरे दिन भर कर्मियों को वेतन नहीं मिला है। धरना-प्रदर्शन से पहले हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैट्रीसिटी बोर्ड इम्प्लाइज एंड इंजीनियर के ज्वाइंट फ्रंट के राज्य पदाधिकारियों की बैठक कुमार हाऊस में हुई। फ्रंट ने बिजली बोर्ड में पुरानी पैंशन की बहाली में देरी पर चिंता जताई और इसे शीघ्र लागू करने की मांग की है। बैठक के दौरान यूनियन व फ्रंट ने सरकार को चेताया कि यदि प्रदेश सरकार मांगों का निवारण समय रहते नहीं करती है तो फ्रंट राज्यव्यापी आंदोलन का आगाज 6 जनवरी को जिला ऊना से करेगा, जिसमें बिजली बोर्ड के पैंशनर्ज फाेरम व अन्य पैंशन संगठन भी शामिल रहेंगे। फ्रंट ने चेताया कि जब तक बिजली कर्मचारियों व पैंशनर्ज के वेतन व पैंशन की अदायगी नहीं होती तब तक भोजन अवकाश दौरान बिजली कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन जारी रहेंगे।
