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कर्मचारियों ने ईको गार्डन में एकत्र होकर धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगे उठाई

लखनऊ। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय चतुर्थ श्रेणी संविदा कर्मचारी यूनियन उत्तर प्रदेश संबद्ध _ ( ऐक्टू ) के आह्वान पर आज प्रदेश भर से सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों ने ईको गार्डन में एकत्र होकर धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगे उठाई।
धरना स्थल पर सभा को संबोधित करते हुए ऐक्टू के प्रदेश अध्यक्ष विजय विद्रोही ने कहा कि यह श्रम और मेधा की लूट का दौर है। कल्याणकारी राज्य का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार महीने भर के श्रम के बदले एक दिन के भोजन भर का वेतन नही दे रही है। 8 घंटे के काम , स्थाईकरण, न्यूनतम वेतन , समाजिक सुरक्षा, साप्ताहिक,आकस्मिक ,चिकित्सीय और वार्षिक अवकाश तथा महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश हमने संघर्षों से हासिल किया था ,किंतु दिल्ली और प्रदेश में बैठी सरकारों ने प्रचलित कानूनों को तहस नहस कर दिया। 44 श्रम कानूनों को खत्म कर गुलामी के दस्तावेज के रूप 4 श्रम संहिताएं बनाई गई हैं।जिन्हे सरकार अगर लागू कर पाई तो यूनियन बनाने ,आंदोलन करने तक का अधिकार नहीं रह जाएगा। इसलिए आज सबसे पहला काम है कि मजदूर और कर्मचारी विरोधी पूंजीपति परस्त सरकारों को उखाड़ फेंकने में हुए अपनी भूमिका तय करनी चाहिए और देश में जारी श्रम अधिकारो को बचाने की लड़ाई का हिस्सा बनकर उसी में अपनी आवाज मिलाते हुए उस लड़ाई को ताकतवर बनाना होगा।
यूनियन के अध्यक्ष आशुतोष मिश्र ने कहा कि हम सब बहुत विषम स्थिति और बेहद अपमानजनक मानदेय में कार्य करने के लिए विवस है। हम आज यहां अपनी बात सरकार तक पहुंचाने आए है कि विधि प्रदत्त अधिकारो का हनन अब बर्दास्त नही किया जायेगा । सामाजिक सुरक्षा और सम्मानजनक वेतन देना ही होगा ।
राज्य सचिव देवेंद्र कुमार ने कहा कि सरकारें हमें कुछ देने के बजाय हमें सेवा से बाहर करने की जुगत में रहती हैं। हमें सरकार के हर पैंतरे का मुकाबला करने के लिए तैयार रहना चाहिए ।
भाकपा ( माले) राज्य कमेटी सदस्य कामरेड रमेश सिंह सेंगर ने कहा कि सरकारों ने आउट सोर्सिंग ,संविदा ,स्कीम वर्कर्स के नाम पर सेवा की परिभाषा बदल कर बेगार करने वालो की कतार खड़ी कर रही है। यह नीतियों में बदलाव करके किया जा रहा है। इसलिए आज मजदूर और कर्मचारी आंदोलन को राजनीतिक रूप से सजग होते हुए सत्ता के चरित्र को समझना और अपनी भूमिका तय करनी चाहिए। प्रदेश और देश में एक घोर मजदूर विरोध पूंजीपरस्त सरकारें हैं। इन्हे उखाड़ कर फेंके विना मजदूरों और कर्मचारियों को अपना हक बचाना संभव नही है। भाकपा ( माले ) आपकी मांगो का समर्थन करते हुए एकजुटता ब्यक्त करती है।
सभा को चन्द्रमणि चौहान,यशवीर सिंह,पूनम, संजू,अनुराधा (बिजनौर), भाग्यवती जी (अमरोहा), रीतू गुप्ता (रामपुर),राधनी वर्मा (बलरामपुर), सुषमा,पूनम (मुजफ्फरनगर),पुष्पा (कन्नौज)
ने भी सम्बोधित किया।
अंत में स्थाईकरण , ६वें वेतन आयोग के अनुरूप वेतन भुगतान सुनिश्चित करने , जीवन व स्वास्थ्य बीमा दिए जाने , तथा सभी प्रकार अवकाश गारंटी करने के साथ काम के घंटे सुनिश्चित करने आदि मांगे मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन के माध्यम से सौंपा गया।
कार्यक्रम सैकड़ों कर्मचारियों ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आकर भाग लिया।
